NPS to UPS Migration Deadline: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) में शामिल होने के लिए लास्ट डेट 30 सितंबर, 2025 निर्धारित की गई है यानी कर्मचारियों के पास 13 दिन से भी कम का समय है। हालांकि, अभी तक सिर्फ लगभग 32,000 कर्मचारियों ने ही UPS को चुना है, जबकि करीब 23.94 लाख कर्मचारी इस योजना के पात्र हैं। साफ तौर पर यह सरकारी कर्मचारियों में इस बदलाव को लेकर झिझक को दर्शाता है।
केंद्र ने इस बीच 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद और 31 अगस्त 2025 को सेवा में शामिल होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बार का अवसर बढ़ाया है।
PIB की एक रिलीज के मुताबिक, ‘सरकार ने अब उन केंद्रीय कर्मचारियों को एकीकृत पेंशन योजना में स्थानांतरित होने का एक बार का विकल्प देने का निर्णय लिया है, जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद और 31 अगस्त 2025 तक सेवा में शामिल हुए हैं और जिन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का विकल्प चुना है, उन्हें एकीकृत पेंशन योजना में स्थानांतरित होने का एक बार का विकल्प दिया गया है।’
यूपीएस के तहत अन्य पात्र कैटेगिरी के लिए पहले से निर्धारित कट-ऑफ डेट के अनुरूप, इस विकल्प का उपयोग 30 सितंबर 2025 को या उससे पहले किया जा सकता है। इस पहल का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाने में सूचित विकल्प प्रदान करना है। यूपीएस का विकल्प चुनकर, कर्मचारी बाद में एनपीएस में स्विच करने का विकल्प बरकरार रख सकते हैं।
यूपीएस और एनपीएस के बीच अंतर (Difference between UPS and NPS)
दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर पेंशन का नेचर है। यूपीएस के तहत, कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर एक निश्चित पेंशन मिलती है, जबकि एनपीएस के तहत, पेंशन राशि मार्केट-बेस्ड होती है और निवेश प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यूपीएस के तहत, रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के वेतन के औसत के 50% की गारंटीकृत पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों को कम से कम 25 वर्षों तक सेवा करनी चाहिए।
हालांकि, एनपीएस में ऐसी कोई सीमा नहीं है। इसके अलावा, यूपीएस के तहत, परिवार को कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पेंशन का 60% मिलता है, जबकि एनपीएस के तहत, यह लाभ 40% तक सीमित है।
यूपीएस और एनपीएस का इतिहास (History of UPS and NPS)
सरकारी पेंशन योजनाओं का इतिहास 2004 से शुरू होता है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) 1 जनवरी, 2004 को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के स्थान पर शुरू की गई थी। एनपीएस कर्मचारियों के लिए एक बाजार-बेस्ड पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं, और पेंशन राशि निवेश के आधार पर निर्धारित होती है।
हाल ही में सरकार ने यूपीएस की शुरुआत की। यूपीएस, एनपीएस के तहत एक वैकल्पिक योजना है जो कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन प्रदान करती है। यूपीएस का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को गारंटीकृत पेंशन प्रदान करके उनकी वित्तीय सुरक्षा को और मजबूत करना है।
सरकारी कर्मचारियों को मिली गुड न्यूज! दुर्गा पूजा से पहले मिलेगी सिंतबर महीने की सैलरी
क्या है सरकारी कर्मचारियों की हिचकिचाहट का कारण?
हमारी सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, एक्सपर्टस का कहना है कि सरकारी कर्मचारी यूपीएस में जाने से हिचकिचाते हैं, इसके कई कारण हैं। यूपीएस पेंशन 60 वर्ष की आयु के बाद मिलती है, जबकि एनपीएस कर्मचारी एक निश्चित राशि पहले निकाल सकते हैं। इसके अलावा, यूपीएस के तहत VRS के लिए न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा आवश्यक है। स्विचिंग प्रक्रियाएं भी जटिल हैं, जिसके लिए कर्मचारियों को एक वर्ष पहले या VRS से तीन महीने पहले आवेदन करना पड़ता है।