नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हाल ही में सरकार ने कुछ अहम बदलाव किए हैं। देश में रिटायरमेंट सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के चलते ये अहम बदलाव किए है। इन बदलावों का उद्देश्य पेंशन स्कीम को अधिक आसान और सभी के लिए अनुकुल बनाना है। आज हम आपको हाल ही में एनपीएस में हुए, कुछ अहम बदलाव की जानकारी देंगे, आइए जानते हैं…
NPS क्या है?
NPS एक मार्केट बेस्ड डिफाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन स्कीम है। इस स्कीम को साल 2004 में केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। इस स्कीम को बाद में सभी नागरिकों के लिए स्वैच्छिक रूप से उपलब्ध कराया गया। यह स्कीम 18 से 70 वर्ष की उम्र के सभी नागरिकों के लिए है।
एनपीएस में बीते दो दशकों में कई अहम बदलाव हुए हैं, लेकिन पिछले एक साल में इसमें जो बदलाव हुए हैं, वे इसे और व्यापक और आकर्षक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
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एनपीएस में हाल में हुए 5 बड़े बदलाव
एनपीएस का भारत बिल पेमेंट सिस्टम से लिंक (Link of NPS with Bharat Bill Payment System)
एनपीएस को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) से जोड़ दिया गया है। इससे निवेशकों को भुगतान करना अब काफी आसान हो गया है। यह बदलाव निवेश को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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पार्शियल निकासी नियम में सुधार (Amendment in Partial Withdrawal Rules)
रिटायरमेंट के पहले कुछ फंड निकालने की सुविधा को और अधिक आसान बना दिया गया है। निवेशक अब अपनी जरूरतों के अनुसार फंड का कुछ हिस्सा आसानी से निकाल सकते हैं।
ओपीएस का ऑप्शन (OPS option)
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने ऐलान किया है कि एनपीएस के अंतर्गत नियुक्त हुए ऑल इंडिया सर्विसेज (AIS) के अधिकारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे नियुक्ति के समय ही तय करें कि वे एनपीएस में रहना चाहते हैं या ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का विकल्प चुनना चाहते हैं।
पेंशन प्रोसेसिंग में आई तेजी (Speed up pension processing)
एनपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन की प्रोसेस को सरकार ने अब ओल्ड पेंशन स्कीम की तर्ज पर और सरल और तेज कर दिया है।
एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Scheme)
एनपीएस वात्सल्य योजना योजना 18 सितंबर, 2024 को लॉन्च की गई थी। यह योजना 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए है। यह योगदान पर आधारित स्कीम है, ठीक उसी तरह जैसे एनपीएस। यह योजना भी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के अंतर्गत आती है।