NPS New Guidelines: पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत नए ग्राहकों को शामिल करने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने एक नया रजिस्ट्रेशन फॉर्म भी जारी किया है। हाल ही में एक सर्कुलर में रेगुलेटर ने यहां जानकारी दी है।
इस कदम का उद्देश्य एनपीएस (ऑल सिटिजन/कॉर्पोरेट मॉडल) या पीएफआरडीए द्वारा नियंत्रित या संचालित अन्य योजनाओं के तहत ग्राहकों को एक सहज, समावेशी और नियमों के अनुरूप रजिस्ट्रेशन (ऑनबोर्डिंग) प्रक्रिया प्रदान करना है।
एनपीएस में ग्राहक ऑनबोर्डिंग प्रोसेस में शामिल स्टेप्स
ग्राहक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में ‘सभी नागरिक मॉडल’ या ‘कॉर्पोरेट मॉडल’ या एनपीएस के अंतर्गत मल्टी-प्लान फ्रेमवर्क के अंतर्गत किसी भी योजना का चयन करना, व्यक्तिगत विवरण प्रदान करना, केवाईसी औपचारिकताएं पूरी करना, सहमति प्रदान करना आदि शामिल है।
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क्या हैं एनपीएस के अंतर्गत ऑनबोर्डिंग के तरीके?
ग्राहकों को शामिल करने के दो तरीके है। जिसमें एक डिजिटल, फिजिकल शामिल है।
कैसे की जाती है केवाईसी, क्या हैं ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया में वेरीफिकेशन के तरीके?
केवाईसी ‘आमने-सामने’ या ‘गैर-आमने-सामने’ तरीकों से किया जा सकता है, जो डिजिटल और भौतिक दोनों ऑनबोर्डिंग में एकीकृत हैं।
फेस-टू-फेस केवाईसी मोड
इन तरीकों में ग्राहक और पीओपी अधिकारी के बीच सीधा संपर्क शामिल होता है, जिससे मजबूत पहचान वेरीफिकेशन सुनिश्चित होता है –
– फेस टू फेस वेरीफिकेशन : पीओपी अधिकारी मूल आधिकारिक रूप से वेलिड डॉक्यूमेंट्स (जैसे- पासपोर्ट, आधार, मतदाता पहचान पत्र) का वेरीफिकेशन करता है और “मूल सीन और वेरीफाइड” मार्क कॉपी अपने पास रखता है।
– सहायता प्राप्त वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (VCIP): पीओपी अधिकारी के साथ एक लाइव वीडियो कॉल वास्तविक समय में पहचान और दस्तावेजों का वेरीफिकेशन करती है।
– आधार-आधारित बायोमेट्रिक ई-केवाईसी: पीएमएल अधिनियम की धारा 11ए के अधीन, पीओपी अधिकारी फिंगरप्रिंट, आईरिस या चेहरे की पहचान का इस्तेमाल करके पहचान प्रमाणित करता है।
– मानव सहायता से डिजिटल केवाईसी : पीओपी अधिकारी एक लाइव तस्वीर, डिजिटल ओवीडी इमेज और भू-निर्देशांक लेता है, जो व्यक्तिगत वेरीफिकेशन के समतुल्य है।
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नॉन-फेस-टू-फेस केवाईसी मोड
– आधार-बेस्ड ओटीपी ई-केवाईसी: ग्राहक अपने आधार-रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी का इस्तेमाल करके प्रमाणीकरण करते हैं, जो पीएमएल अधिनियम की धारा 11ए के अधीन है।
– आधार ऑफलाइन एक्सएमएल/क्यूआर कोड: ग्राहक वेरीफिकेशन के लिए ऑफलाइन आधार डेटा प्रदान करते हैं।
– हाइब्रिड वीसीआईपी: जटिल मामलों के लिए स्वचालित और मानवीय समीक्षा को एक साथ जोड़ता है।
– डिजिलॉकर: ग्राहक 3 फरवरी, 2021 के पीएफआरडीए परिपत्र संख्या पीएफआरडीए/2021/05/पीडीईएस/05 के अनुसार, डिजिलॉकर के जरिए केवाईसी दस्तावेज जमा करते हैं।
ऑनबोर्डिंग प्रोसेस के लिए अतिरिक्त निर्देश
-पीओपी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑनबोर्डिंग के सभी तरीके दिव्यांगजनों के लिए सुलभ हों, सहायता प्राप्त वीसीआईपी, वैकल्पिक आजीविका जांच (जैसे, दस्तावेज-आधारित ओवीडी, सीकेवाईसीआर/डिजिलॉकर रिकॉर्ड) और शाखाओं में भौतिक सहायता प्रदान करें।
-पीएफआरडीए निरीक्षण के लिए केवाईसी घोषणाओं, सहमतियों और सत्यापन प्रक्रियाओं का रिकॉर्ड बनाए रखें।
-निर्धारित समय-सीमा के भीतर सीकेवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त/अपडेट करें।
