महामारी के चलते पैसे की कमी से जूझ रहे छोटे व मंझोले कारोबारियों के लिए एक खुशखबरी है। केंद्र सरकार की तरफ से एमएसएमई (MSME) की मदद के लिए शुरू की गई ईसीएलजीएस (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) योजना को अब 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

महामारी से परेशान MSME के लिए है ECLGS योजना

वित्त मंत्री ने बीते सप्ताह इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अब लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) मार्च 2022 तक 4.5 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। यह स्कीम उन एमएसएमई के लिए है, जो कोविड महामारी के चलते आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।

मंत्रालय ने कहा कि कई उद्योग संगठन योजना का विस्तार करने की मांग कर रहे थे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से कई एमएसएमई प्रभावित हुए हैं। इसे देखते हुए योजना का छह महीने के लिए विस्तार किया गया है। इस योजना का लाभ 31 मार्च तक उठाया जा सकता है। यदि योजना के लिए निर्गत 4.5 लाख करोड़ रुपये का पूरा इस्मेताल 31 मार्च से पहले हो जाता है, तो राशि के समाप्त होते ही योजना बंद हो जाएगी।

तीसरी बार हुआ है ECLGS योजना का विस्तार

सरकार इससे पहले ईसीएलजीएस योजना के दो चरण पेश कर चुकी है। इस तीसरे विस्तार यानी ईसीएलजीएस 3.0 के तहत वैसे एमएसएमई भी लाभ उठा सकते हैं, जिन्हें ईसीएलजीएस 1.0 या ईसीएलजीएस 2.0 के तहत कर्ज मिल चुका है। ऐसे एमएसएमई को कुल बकाये के 10 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज मिल सकेगा। बकाये की गणना 29 फरवरी 2020 और 31 मार्च 2021 में से जो अधिक होगा, उसके आधार पर की जाएगी।

ईसीएलजीएस 1.0 या ईसीएलजीएस 2.0 के तहत लाभ नहीं उठाने वाले एमएसएमई को कुल बकाये के 30 प्रतिशत के बराबर कर्ज मिल सकेगा। इनके लिए बकाये की गणना 31 मार्च 2021 के आधार पर होगी। इनके अलावा ईसीएलजीएस 3.0 के तहत चुने गए विशेष व्यवसाय कुल बकाये के 40 प्रतिशत तक का कर्ज ले सकेंगे।

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सस्ते ब्याज पर MSME के लिए 200 करोड़ तक का कर्ज उपलब्ध

आपको बता दें कि इस योजना के तहत अधिकतम 200 करोड़ रुपये तक की ऋण सहायता उपलब्ध होती है। मई 2020 में शुरू हुई इस योजना से अभी तक 1.15 करोड़ से अधिक एमएसएमई को लाभ हो चुका है। 24 सितंबर 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अभी तक इस योजना के तहत 2.86 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गए हैं। इस योजना के लिए सरकार ने ब्याज की अधिकतम दर 7.5 प्रतिशत तय की है। यानी बैंक इससे अधिक दर पर एमएसएमई को कर्ज नहीं दे सकते हैं।