Indian Railways: इंडियन रेलवे लगातार बढ़ती यात्रियों की संख्या को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं बना रहा है। भारतीय रेलवे आने वाले सालों में 1 लाख करोड़ रुपये की कीमत वाली नई ट्रेनों का अधिग्रहण करने के लिए तैयार है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, नई ट्रेनों के अधिग्रहण का मुख्य मकसद सालों से चल रही पुरानीं ट्रेनों के स्टॉक को रिप्लेस करना है। नए अधिग्रहण से रेलवे के बेड़े में 7000 से 8000 के बीच नई ट्रेन शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले 4-5 सालों में टेंडर जारी किए जाएंगे।
इकोनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रोसेस में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कीमत के टेंडर जारी होंगे। अगले 15 सालों के अंदर पुराने चालू स्टॉक को नई ट्रेनों से बदल दिया जाएगा।
बता दें कि भारतीय रेलवे की योजना बड़े स्तर पर ट्रेन सिस्टम को अपग्रेड करने की है। रेलवे का इरादा है कि यात्रियों के लिए पर्याप्त ट्रेन उपलब्ध हों और ट्रैक को ऑप्टिमाइज़ करके व ट्रिप संख्या को बढ़ाकर सीट उपलब्ध कराई जाए।
वेटिंग लिस्ट का झंझट होगा खत्म!
फिलहाल, इंडियन रेलवे हर दिन 10,754 ट्रिप ऑपरेट करती है और 3000 और ट्रिप जोड़कर वेटिंग लिस्ट खत्म करने की योजना है। COVID-19 के बाद रेलवे ने 568 अतिरिक्त ट्रिप शुरू की हैं। इसके साथ ही रेलवे हर साल 700 करोड़ यात्रियों को हर साल अपने गंतव्य तक पहुंचाती है। और 2030 तक यात्री क्षमता 1000 करोड़ होने की है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पैसेंजर कैटिगिरी में वेटलिस्टिंग की समस्या खत्म करने के लिए ट्रेनों की ट्रिप की संख्या में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी करनी होगी।
इसके अलावा प्रस्तावित ट्रेन ऑर्डर में मेन्टेनेंस कॉन्ट्रेक्ट भी शामिल होंगे। इसमें शर्ता है कि ट्रेनों को भारत में ही बनाया जाएगा और इसके लिए रेलवे के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल होगा।
बता दें कि कुछ समय पहले रेल मंत्री अश्निनी वैष्णव ने कहा था कि बढ़ती आबादी के हिसाब से अलगे चार-पांच सालों में 1000 करोड़ यात्रियों के लिए क्षमता बढ़ानी होगी। इसके लिए 3000 अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत होगी।