नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर की ओर से संचालित किए जाने वाले उडुपी पॉवर प्लांट (UPCL) पर पर्यावरण संबंधी नियमों को तोड़ने और प्रदूषण फैलाने के लिए 52 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
मंगलवार 31 मई को एनजीटी की चेन्नई बेंच ने फैसला सुनाते हुए जज के रामकृष्णन और एक्सपर्ट सदस्य सत्यागोपल कोरलापति और विजय कुलकर्णी ने कहा कि जुर्माना पर्यावरण मुआवजा ‘प्रदूषक भुगतान’ (Polluter Pays) के सिद्धांत पर लगाया जा रहा था।
एनजीटी ने आदेश में कहा कि 50 फीसदी मुआवजे का इस्तेमाल “पानी की आपूर्ति को ठीक करने के लिए, सीवेज, एसटीपी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में खर्च किए जाएगे। अंतरिम आदेश के मुताबिक यूपीसीएल ने 5 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं। वहीं, एनजीटी ने यूपीसीएल से कहा है कि बाकी का जुर्माना अगले तीन महीने में जमा करा दिया जाए।
इसके साथ एनजीटी ने डिप्टी कमिश्नर, डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर और वरिष्ठ वैज्ञानिकों की एक संयुक्त समिति बनाई है जो यूपीसीएल की गतिविधियों के कारण के 10 किलोमीटर के निकट के इलाके की जमीनों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगी।
इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने राज्य और केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB और CPCB) को आदेश दिया है कि यूपीसीएल पर ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन सिस्टम (OCEMS) से छेड़छाड़ करने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाए।
उडुपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के पास उडुपी जिले के येल्लूर गांव में 600 मेगावाट के दो संयंत्र हैं। इस संयंत्र को पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलने पर इलाके के लोगों ने 2003-04 विरोध प्रदर्शन भी किया था। अडानी ग्रुप की ओर से इस प्लांट का अधिग्रहण 2025 में किया गया था और अब इसकी क्षमता का विस्तार किया जा रहा है।
अडानी ग्रुप देश में तेजी से बढ़ता हुआ औद्योगिक ग्रुप है। अडानी ग्रुप का करोबार एयरपोर्ट, पोर्ट, ड्रोन, गैस, माइनिंग, बिजली उत्पादन, रियल एस्टेट, मीडिया और ग्रीन एनर्जी में फैला हुआ है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी की संपत्ति 104 बिलियन डॉलर है।
