New Tax Slab vs Old Tax Slab: नए और पुराने टैक्स स्लैब के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भ्रम दूर कर दिया है। सीबीडीटी का कहना है कि यदि आपने इस साल पुराने या नए किसी भी स्लैब का इस्तेमाल किया हो तो जरूरी नहीं है कि अगले साल भी इसके जरिए ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें। आप अपनी सुविधा के अनुसार हर साल अलग स्लैब चुन सकते हैं।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नए इनकम टैक्स स्लैब का ऐलान करते हुए कहा था कि इसकी रियायतों का लाभ आप तभी उठा सकते हैं, जब आप निवेश पर छूट के फायदे के लिए आवेदन न करें। इसके अलावा उन्होंने दोनों में किसी एक के विकल्प को चुनने की बात भी कही थी।
जो लगे बेहतर उसके जरिए फाइल करें टैक्स: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि यह वैकल्पिक स्कीम है। किसी के लिए भी यह जरूरी नहीं है कि वह नई या फिर पुरानी स्कीम के साथ ही चले। उन्होंने साफ कहा, ‘यदि आपको नया टैक्स स्लैब सही लगता है तो आप उसे चुन सकते हैं या फिर पुरानी स्कीम के बेहतर लगे तो उसे भी अपना सकते हैं।’
जब लगे फायदा तब अपनाएं: सीबीडीटी चेयरमैन पीसी मोदी ने कहा कि यह बेहद रोचक है कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसे साल दर साल अपना सकते हैं। मान लीजिए किसी एक साल में आपने निवेश अधिक किया है तो आप इनवेस्टमेंट की छूट को क्लेम करने वाले पुराने स्लैब को अपना सकते हैं। यदि आपने अगले साल इन्वेस्टमेंट नहीं किया तो बिना इन्वेस्टमेंट के भी फ्लैट छूट देने वाले नए स्लैब को भी अपना सकते हैं।
कारोबारियों को नहीं मिलेगी छूट: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुखिया ने कहा कि यह छूट पर्सनल टैक्सपेयर्स को तो मिलेगी, लेकिन कारोबारियों के लिए यह व्यवस्था नहीं होगी।
धीरे-धीरे खत्म होगी छूट की व्यवस्था: यही नहीं टैक्स डिपार्टमेंट ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बात को दोहराते हुए कहा कि भविष्य में धीरे-धीरे निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म किया जाएगा।