सीबीडीटी (CBDT) ने टीडीएस प्रावधान को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इस तरह के लाभ या तो नकद या वस्तु या फिर आंशिक रूप से इन दोनों रूपों में हो सकते हैं।

अन्य विवरणों के अलावा, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने यह भी कहा कि जो टीडीएस का भुगतान कर रहे हैं या फिर कटौतीकर्ता को प्राप्तकर्ता के काराधान जांच करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही लाभ या अनुलाभ के रूप में दी गई संपत्ति की प्रकृति प्रासंगिक नहीं होगी।

नई गाइडलाइन के अनुसार यहां तक ​​कि लाभ के रूप में दी गई पूंजीगत संपत्तियां भी धारा 194R के दायरे में आती हैं। इसके अलावा, धारा ‘194 आर’ उन विक्रेताओं पर भी लागू होगी जो छूट देते हैं। यह छूट नकद या कार, टीवी, कंप्यूटर, सोने का सिक्का, मोबाइल फोन, मुफ्त टिकट आदि जैसी वस्तुओं के रूप में हो सकती है।

नया प्रावधान 1 जुलाई, 2022 से लागू होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में कर राजस्व नुकसान को रोकने के लिए ऐसी आय के स्रोत पर टीडीएस के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया था। बजट 2022-23 ने आईटी अधिनियम – 194R में एक नया खंड लाया गया है। इसी के आधार पर ये गाइडलाइन जारी की गई है।

इसके अलावा, सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि धारा 194आर अस्पताल में नि:शुल्क सैपल लेने वाले डॉक्टरों पर भी लागू होगा। एक कर्मचारी के रूप में हॉस्पिटल ऐसे सैंपलों को कर्मचारियों के लिए कर योग्य अनुलाभ के रूप में मान सकता है। इसी आधार पर धारा 192 के तहत टैक्स काट सकता है।

जबकि एक अस्पताल में सलाहकार के रूप में काम करने वाले और फ्री सैंपल प्राप्त करने वाले डॉक्टरों के लिए, टीडीएस पहले अस्पताल पर लागू होगा। इसके लिए सलाहकार डॉक्टरों के संबंध में धारा 194R के तहत टैक्स कटौती की आवश्यकता होगी।