हिमालय की गोद में बसे भारत के पड़ोसी देश नेपाल को गोरखा साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता था। यह देश दो शताब्दियों से अधिक समय तक राजशाही का प्रतीक रहा। फिर वहां की राजशाही खत्म हो गई और लोकतंत्र आ गया। लोगों को उम्मीद थी कि लोकतंत्र के आने के बाद देश की तरक्की होगी। लेकिन स्थिति कुछ और निकली। देश की राजनीतिक अस्थिरता और बेरोजगारी ने लोगों की उम्मीदें तोड़ दी। हाल ही में नेपाल की सरकार ने 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद, हजारों की संख्या में Gen-Z सड़कों पर आ गए।

सोशल मीडिया पर बैन, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के खिलाफ युवाओं ने कई शहरों में प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ यह Gen-Z रिवोल्यूशन हुआ। जिसके बाद नेपाल सरकार को सोशल मीडिया पर बैन के प्रतिबंध को हटाना पड़ा। वही, नेपाल में विरोध प्रदर्शन से बिगड़ते हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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ये सब साफ दिखाता है कि जनता बदलाव चाहती है। अब हम नेपाल की बात करें तो ये न सबसे गरीब देशों में आता है और न ही अमीर देशों में है। आइए जानते हैं कि अभी पड़ोसी देश की इकोनॉमी के क्या हाल हैं?

नेपाल की प्रति व्यक्ति आय

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट (2025) के अनुसार, नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 1,400 डॉलर है यानी नेपाल उन देशों (जैसे कि दक्षिण सूडान या बुरुंडी) से बेहतर स्थिति में है जिनकी प्रति व्यक्ति आमदनी 1,000 डॉलर से भी कम है लेकिन वहीं लक्ज़मबर्ग और सिंगापुर जैसे अमीर देशों की प्रति व्यक्ति जीडीपी 50,000 डॉलर से ज्यादा है, तो उनसे नेपाल बहुत पीछे है।

अर्थव्यवस्था में थोडा सुधार

वर्ल्ड बैंक के अनुसार, नेपाल की अर्थव्यवस्था में हाल के वर्षो में सुधार देखने को मिल रहा है।

– 2025 में नेपाल की जीडीपी 43.42 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
– साल 2024 में नेपाल की GDP 42.91 अरब डॉलर थी।
– साल 2023 में नेपाल की GDP 41.05 अरब डॉलर थी।

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कर्ज में डूबी नेपाल की आधी अर्थव्यवस्था

नेपाल के लिए उसकी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, उसका कर्ज है। सार्वजनिक कर्ज जुलाई 2023 में 24 लाख करोड़ रुपये था, जो फरवरी 2024 तक बढ़कर 26 लाख करोड़ हो गया। अब यह कर्ज जीडीपी का 45.77% है। एक दशक पहले की बात करें, तो यह आंकड़ा सिर्फ 22% था। कुल कर्ज में विदेशी हिस्सा 50.87% और घरेलू हिस्सा 49.13% है इसका मतलब नेपाल अपनी कमाई से ज्यादा उधारी पर टिक गया है।

इन पर टिकी है देश की अर्थव्यवस्था

नेपाल के लाखों लोग ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में काम करते हैं। वहां से वे पैसा घर भेजते हैं। यही रकम रेमिटेंस कहलाती है और इसी पर नेपाल की अर्थव्यवस्था टिकी है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में नेपाल की जीडीपी का लगभग 21.8 प्रतिशत हिस्सा रेमिटेंस से आया। नेपाल राष्ट्र बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में 1.723 ट्रिलियन नेपाली रुपये का रेमिटेंस आया, जो पिछले साल से 19.2% ज्यादा है।

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रेमिटेंस पाने में बनाया रिकॉर्ड

पिछले 17 महीनों से नेपाल में 1 अरब अमेरिकी डॉलर अधिक का हर महीने रेमिटेंस आ रहा है। विशेष रूप से आश्विन 2024 में रेमिटेंस ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में रेमिटेंस ने काफी मदद की है, लेकिन यह आयात पर निर्भरता और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी (2022 में 9.58 अरब डॉलर तक) जैसी चुनौतियों को भी उजागर करता है।

काफी अधिक रेमिटेंस के बाद भी नेपाल की अर्थव्यवस्था में कई संरचनात्मक समस्याएं ने आर्थिक स्थिरता को प्रभावित किया है। जैसे व्यापार घाटा, खराब शासन व्यवस्था और बढ़ती महंगाई आदि।

खेती नहीं दे पा रही देश की अर्थव्यवस्था को सहारा

इस देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खेती और पर्यटन पर भी निर्भर है, लेकिन खेती पुराने तरीकों और कठिन भौगोलिक हालात की वजह से पिछड़ी हुई है।

कभी नेपाल की सबसे बड़ी कमाई थी पर्यटन

कभी पर्यटन नेपाल की सबसे बड़ी कमाई थी, लेकिन कोरोना ने इसे तोड़ दिया। अब इसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, मगर राजनीतिक अस्थिरता यहां भी बाधा डाल रही है।

भ्रष्टाचार ने बिगाड़ा देश का हाल

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्टों में कई बार सामने आया है कि नेताओं और अफसरों की लापरवाही ने विकास की रफ्तार रोक दी है। विदेशी सहायता भी कई बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी योजनाएं कागजों में रह जाती हैं। यही कारण है कि निवेशक नेपाल में भरोसा नहीं करते और रोजगार के मौके घटते जा रहे हैं।

अर्थव्यवस्था सुधार के लिए नेपाल के पास क्या है रास्तें?

कृषि सुधार (Agricultural Reform)

नेपाल में आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाया जा सकता है और बाजार व्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है। जिससे किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।

भ्रष्टाचार पर नियंत्रण (Control Corruption)

पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करने से संसाधनों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सकता है। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नेपाल की अर्थव्यवस्था सुधार में काफी हद तक मदद कर सकता है।

शिक्षा पर जोर (Emphasis on Education)

नेपाल में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास से रोजगार बढ़ सकता है।

राजनीतिक स्थिरता (Political Stability)

नेपाल में सभी राजनीतिक दलों को विकास को प्राथमिकता देना होगा और स्थिर सरकार बनानी होगी।