उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भाजपा के पूर्व नेता राम जेठमलानी ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काला धन देश में वापस लाना चाहते हैं, तो उन्हें वित्त मंत्री अरुण जेटली को बर्खास्त करना होगा।

जेठमलानी ने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर काफी निराश हूं कि मोदी ने ऐसे लोगों को यह काम सौंपा है जो इसे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। यदि कालाधन को निकलवाना है तो इस व्यक्ति को बर्खास्त करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय मंत्री द्विपक्षीय दोहरा कराधान बचाव संधियों (डीटीएटी) की दुहाई देते हुए विदेशी बैंकों में अवैध खाते रखने वाले भारतीयों के नामों को सार्वजनिक नहीं कर रहा है। ‘‘इस व्यक्ति को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।’’

92 वर्षीय अधिवक्ता जेठमलानी ने कहा, ‘‘मैंने कहा था कि मैं अब भगवान के हवाई अड्डे के प्रस्थान लाउंज में हूं। मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए लेकिन मेरी इच्छा है कि आपने देशवाशियों से जो वादे किए हैं उन्हें पूरा करें। जहां तक काले धन का सवाल है, मैं उनसे सबसे ज्यादा निराश हूं।’’

जेठमलानी यहां जयपुर साहित्य सम्मेलन के दौरान एक परिचर्चा में बोल रहे थे। इस सत्र का विषय था ‘द डेविल्स एडवोकेट-राम जेठमलानी’। उनके साथ इस चर्चा में लेखिका शोभा डे व पत्रकार मधु त्रेहन शामिल थी।

जेठमलानी ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने मोदी का पूरा समर्थन किया था। ‘‘मेरी सिर्फ दो इच्छाएं थीं। पूर्ववर्ती सरकार सत्ता से बाहर हो जाए। मुझे खुशी है कि मैं अपने प्रयास में सफल रहा और इसमें मैंने आंशिक योगदान दिया। दूसरी इच्छा थी कि कालाधन वापस आए।’’

उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्तूबर में उन्होंने जेटली को पत्र लिखकर कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय में इस मामले में जो दृष्टिकोण अपना रहे हैं, वह गलत सलाह पर आधारित है।

जेठमलानी ने इस अवसर पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा जेल से उन्हें लिखे गये एक पत्र को याद करते हुए कहा कि आडवाणी ने एक मामले में उनके जिरह की तारीफ की थी। उन्होंने कहा, ‘‘आडवाणी सबसे अहसानफरामोश आदमी हैं क्योंकि पार्टी से मुझे निकलवाने में वह भी शामिल थे।’’

जेठमलानी ने कहा कि जब चुनाव करीब थे तो भाजपा में कई अड़चनें थीं। हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता था। सिर्फ एक मुद्दे पर सब एकमत थे कि राम को कैसे चुप कराया जाए और पार्टी से बाहर किया जाए।