Mukhtar Ansari Net Worth in Rupees 2024: 28 मार्च रात 10.30 बजे के आसपास पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत की खबर आई। यूपी की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को गुरुवार रात हार्ट अटैक हुआ था जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। पूर्वांचल की बात करें तो शायद ही कोई होगा जिसने मुख्तार अंसारी का नाम नहीं सुना होगा। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे मुख्तार अंसारी का एक समय बड़ा खौफ था। मुख्तार ने अपनी दबंगई और ताकत के बल पर करोड़ों का अवैध कारोबार खड़ा किया। आज हम बात करेंगे मुख्तार अंसारी के कारोबार, प्रॉपर्टी और नेट वर्थ के बारे में…
Mukhtar Ansari Property
2014 में लोकसभा चुनाव में दायर हलफनामे में मुख्तार अंसारी ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया था। इसके मुताबिक, मुख्तार के पास 18 करोड़ की कुल संपत्ति थी। जबकि 2017 विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार, उसके परिवार के पास 72 लाख रुपये से ज्यादा का सोना है। जबकि 20 करोड़ से ज्यादा की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है। वहीं बात करें बैंक डिपॉजिट और LIC की तो उसके पास कुल 22 करोड़ रुपये जमा हैं।
लेकिन रुक जाइये, यह वो प्रॉपर्टी है जिसकी घोषणा खुद मुख्तार अंसारी ने की थी। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति भी है जिसे गैर कानूनी तरीके से कमाया गया।
मुख्तार अंसारी का नाता गाजीपुर के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान से रहा है। मुख्तार के दादा कांग्रेस अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी थे। इस माफिया डॉन पर कई आपराधिक केस दर्ज हैं। मुख्तार की आपराधिक दुनिया के कई किस्से भी रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी में योगी सरकार ने मुख्तार के 2100 करोड़ रुपये के अवैध बिजनेस को बंद करवाया। इसके अलावा पुलिस लगातार उसकी बेनामी संपत्तियों की तलाश में जुटी है। उसकी 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी में से करीब आधी 600 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त हो चुकी है।
मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रहा है। उसने तीन बार जेल में रहकर चुनाव लड़ा और जीता भी। मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी भी अभी जेल में बंद है। और उसकी पत्नी अफशां अंसारी और छोटा बेटा उमर अंसारी अभी फरार हैं। इन पर भी कई केस दर्ज हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्तार अंसारी और उसका गिरोह कोयला कारोबार, रेलवे का ठेका और मछली के अवैध कारोबार चलाते थे। एक समय उसका ऐसा डर था कि कोई भी उसकी मर्जी के बिना कोई ठेका या कारोबार यूपी के पूर्वांचल में कोई और नहीं कर सकता था।