रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडरी रिलायंस गैस ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (आरजीटीआईएल) से जुड़े मामले में संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने एक रिपोर्ट पेश की है।

इस रिपोर्ट में PAC ने रिलायंस गैस की बैंक गारंटी को भुनाने के मामले में अस्पष्ट जवाब के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय की खिंचाई की है। आपको बता दें कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान समयसीमा को पूरा नहीं करने की वजह से कंपनी के चार पाइपलाइन बिछाने के अधिकार को रद्द कर दिया गया था।

क्या है मामला: पेट्रोलियम नियामक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 2012 में सरकार को रिलायंस गैस ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (आरजीटीआईएल) को चार पाइपलाइन बिछाने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द करने को कहा था। नियामक का कहना था कि कंपनी 2,175 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाने से अपने हाथ पीछे खींच रही है।

इसके बाद चेन्नई-बेंगलुरु-मेंगलूर, काकीनाड़ा-बासुदेवपुर-हावड़ा, काकीनाड़ा-विजयवाड़ा-नेल्लोर और चेन्नई-तूतिकोरिन पाइपलाइन बिछाने के काम का अधिकार विशेष इकाई रिलॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को स्थानांतरित किया गया था। बाद में इस कंपनी ने कहा था कि गैस की उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता की वजह से वह यह पाइपलाइन नहीं बिछा रही है।

क्या है रिपोर्ट में: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की अगुवाई वाली संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने संसद में पेश रिपोर्ट में कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने कई बार पूछे जाने के बाद भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया है कि परियोजना को पूरा करने के आश्वासन के लिए जो बैंक गारंटी दी गई थी, उसे जब्त क्यों नहीं किया गया।

PAC ने कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने नवीकरण नहीं करने और बैंक गारंटी को जब्त नहीं करने की कोई वजह नहीं बताई है। साथ ही मंत्रालय ने कई बार पूछे जाने के बावजूद कार्रवाई का ब्योरा नहीं दिया है।

रिलायंस के शेयर में फिर गिरावट: इस बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में एक बार फिर गिरावट दर्ज की गई है। मुकेश अंबानी की लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर भाव 2100.45 रुपये के स्तर पर बंद हुआ है।

इससे पहले सोमवार को भी रिलायंस के शेयर में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटल की बात करें तो लुढ़क कर 13,31,567.83 करोड़ रुपये पर आ गया है।