देश के सबसे अमीर कारोबारी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी पिछले कई सालों से धड़ाधड़ कंपनियां खरीद रहे हैं। उन्होंने बीते 3 साल में करीब 20 कंपनियों को खरीदा है। अब वे अब नीदरलैंड की टेलीकॉम कंपनी टी-मोबाइल को खरीद सकते हैं। इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज एडवाइजर की मदद से टी-मोबाइल की वैल्यू का आंकलन करा रही है।
टी-मोबाइल ड्यूश टेलीकॉम एजी की नीदरलैंड सब्सिडियरी है। सूत्रों के मुताबिक, ड्यूश मोबाइल अपनी सब्सिडियरी टी-मोबाइल को 5 अरब यूरो करीब 43 हजार करोड़ रुपए में बेचना चाहती है। यानी अगर दोनों कंपनियों में इस सौदे पर सहमति बनती है तो रिलायंस इंडस्ट्रीज को टी-मोबाइल को खरीदने के लिए करीब 43 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं।
डील को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों का कहना है कि अभी केवल विचार चल रहा है। इस डील को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बात को लेकर भी कोई निश्चितता नहीं है कि रिलायंस इस सौदे के लिए औपचारिक ऑफर पेश करेगी। ड्यूश टेलीकॉम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट के लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
टी-मोबाइल को बेचना चाहती है ड्यूश टेलीकॉम: ड्यूश टेलीकॉम अपनी सब्सिडियरी टी-मोबाइल को बेचना चाहती है। इसके लिए कंपनी मॉर्गन स्टेनली के साथ काम कर रही है। पिछले महीने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि टी-मोबाइल को खरीदने के लिए कई प्राइवेट इक्विटी फर्मों ने रुचि दिखाई है। इसमें अपैक्स पार्टनर्स, अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक, बीसी पार्टनर्स और वॉरबर्ग पिनकस शामिल थे।
अमेरिकी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदेगी रिलायंस इंडस्ट्रीज: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को ही अमेरिका की लीथियम ऑयन बैटरी बनाने वाली कंपनी एंबरी इंक में निवेश करने की घोषणा की है। रिलायंस ने बयान में कहा है कि एंबरी इंक में 50 मिलियन डॉलर करीब 372 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस निवेश के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को एंबरी इंक के 4.23 करोड़ शेयर मिलेंगे।
एंबरी में निवेश से ग्रीन एनर्जी कारोबार में मदद मिलेगी: मुकेश अंबानी ने जून में ग्रीन एनर्जी सेगमेंट में उतरने की घोषणा की थी। इस कारोबार को बढ़ावा देने के मकसद से ही रिलायंस ने एंबरी इंक में निवेश किया है। इसके अलावा रिलायंस और एंबरी इंक में भारत में एक्सक्लूसिव फैक्ट्री लगाने को लेकर भी बातचीत चल रही है। यदि ऐसा संभव होता है तो रिलायंस इंडस्ट्रीज को ग्रीन एनर्जी कारोबार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।