अमेरिका की दिग्गज इ-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भारत में अमेजन सेलर सर्विसेज में 915 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया है। ये मुकेश अंबानी की जियोमार्ट के लिए एक बड़ी चुनौती है। आपको बता दें कि अमेजन की दो सबसे बड़े प्रतिद्वंदी फ्लिपकार्ट की वालमार्ट और मुकेश अंबानी की जियोमार्ट हैं।

कारोबार जगत पर रिसर्च करने वाले समूह टॉफलर ने इस निवेश के बारे में जानकारी दी है। टॉफलर ने बताया है कि अमेजन कॉर्पोरेट होल्डिंग्स और अमेजनडॉटकॉमडॉटआईएनसी ने अमेजन सेलर सर्विस में 915 करोड़ रुपये का निवेश किया है। दस्तावेजों से पता चला है कि अमेजन कॉर्पोरेट होल्डिंग्स को 91,49,57,723 शेयर और अमेजनडॉटकॉमआईएनसी को समझौते में 42,277 शेयर दिए गए हैं।

हालांकि, अमेजन इंडिया ने इस संबंध में ईमेल के जरिये भेजे गए का सवाल पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बहरहाल, यह ताजा निवेश भारत में अमेजन को अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों का आक्रामक रूप से सामना करने में मदद मिलेगी।

अमेजन का भारत पर फोकस: आपको बता दें कि भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए अमेजन मार्केट प्लेटफॉर्म, होलसेल और पेमेंट व्यवसाय क्षेत्र में कई अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। पिछले साल जनवरी में अमेजन के सस्थापक जेफ़ बेज़ोस ने भारत में छोटे और मध्यम व्यवसायों को ऑनलाइन लाने में मदद करने के लिए सात हजार करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)

इससे पहले भी अमेजन ने देश में 5.5 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की थी। दरअसल, अमेरिका के अलावा भारत अमेजन के सबसे अहम बाजारों में से एक हैं। यही वजह है कि भारतीय बाजार पर अमेरिकी कंपनी का फोकस है।

रिलायंस रिटेल की डील पर अमेजन का अड़ंगा: बीते साल रिलायंस रिटेल और फ्यूचर समूह के बीच 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के डील पर अमेजन ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस डील को लेकर अमेजन ने कोर्ट और सेबी का दरवाजा भी खटखटाया है। आपको बता दें कि पहले से ​फ्यूचर ग्रुप की कंपनी में हिस्सेदार होने की वजह से इस डील पर अमेजन को आपत्ति है।

अगर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील पर आखिरी मुहर लग जाती है तो रिटेल मार्केट में रिलायंस का दबदबा बढ़ जाएगा। यह अमेजन के भारत में कारोबारी साम्राज्य को झटके जैसा होगा।