कर्ज की परेशानी से जूझ रही अनिल अंबानी की कंपनियों  के बाद अनिल अंबानी को एक और मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC)  सका कहना है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure)  को मिले  हजार करोड़ रुपए के वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट समय पर पूरा नहीं होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। बता दें   रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (Reliance Anil Dhirubhai Ambani Group) की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) ने बुधवार  बताया था कि मुंबई में से 7 हजार करोड़ रुपए के वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट  मिला है।

अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस समूह की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य कंपनियों को रेटिंग एजेंसियों से द्वारा उनकी (कंपनी) रेटिंग में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपनी सबसे बड़ी हानि 2018-19 की चौथी तिमाही में हानि और राइट-ऑफ के कारण दर्ज की। इसके लेखा परीक्षकों ने कंपनी की क्षमता के बारे में सवाल उठाए जो एक चिंता का विषय है।

इकनॉमिक टाइम्स से एमएसआरडीसी के प्रमुख राधेश्याम मोपलवार  ने कहा कि हम प्रतिदिन के आधार पर परियोजनाओं की निगरानी करेंगे। अगर  अनुबंध में सहमति के आधार पर काम पूरा नहीं होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अनुबंध की शर्तों के अनुसार, उन्हें हर छह महीने में एक परियोजना पूरी करनी होगी, अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी कंपना पर भारी दंड लगाया जाएगा और साथी हीकंपनी को (परियोजना) से बाहर निकल दिया जाएगा। वहीं,रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कहना है कि नियुक्ति की तारीख 24 जून से हम 60 महीने के अंदर हम प्रोजेक्ट को पूरा कर लेंगे।

गौरतलब है कि अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार के साथ विवाद के बाद 5,000 करोड़ के वर्ली-हाजी अली सी लिंक परियोजना से बाहर चली गई। कंपनी, जिसने शहर की पहली मेट्रो लाइन को निष्पादित किया, सरकार द्वारा विभिन्न दायित्वों को पूरा नहीं करने के कारण मुंबई मेट्रो लाइन 2 (चारकोप – बांद्रा – मानखुर्द गलियारे) परियोजना से बाहर निकल गई। दोनों परियोजनाओं में, कंपनी एक डेवलपर थी।