प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन के दौरे के दौरान अमेरिका की टॉप 20 अमेरिकन कंपनियों के बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह वाशिंगटन के जॉन एफ कैनेडी सेंटर में करीब 1500 प्रवासी भारतीयों और व्यापार प्रतिनिधियों के समूह को संबोधित करेंगे।

एएनआई ने इस इवेंट से जुड़े दो लोगों के हवाले से बताया है कि जिन शीर्ष 20 कंपनियों के बिजनेस लीडर्स से पीएम मोदी निजी तौर पर मुलाकात करेंगे, उसमें मास्टकार्ड (Master Card) , एक्सेंचर (Accenture), कोका-कोला कंपनी (Coca-Cola Company) , एडोब सिस्टम्स (Adobe Systems) और वीजा (Visa) शामिल हैं।

बिजनेस एडवोकेसी ग्रुप, डॉ. मुकेश अघी की अध्यक्षता वाला यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम, एडोब सिस्टम्स के सीईओ शांतनु नारायण (Shantanu Narayen), एक्सेंचर की सीईओ के जूली स्वीट (Julie Sweet), वीजा इंक के सीईओ रेयान मैकलनर्नी (Ryan Mclnerney), मास्टरकार्ड के सीईओ माइकल माइबैक (Michael Miebach), कोक कोला के सीईओ जेम्स क्विंसी (James Quincey) सहित कुछ महत्वपूर्ण नामों के साथ बैठक की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

योजना से परिचित एक व्यक्ति ने एएनआई को बताया, “बैठक में आईटी, दूरसंचार, एफएमसीजी, रसद और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित उद्योग के नेता शामिल होंगे।”

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा- यात्रा ऐतिहासिक होगी

प्रधानमंत्री मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरे पर पीएम मोदी यूएस की संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित करेंगे। वो ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो लगातार दूसरी बार यूएस की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की यात्रा के बारे में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, ‘हम मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की एक ऐतिहासिक यात्रा होगी।’

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित ‘इंडिया आइडियाज समिट’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी तीसरे भारतीय नेता हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से राजकीय यात्रा का सम्मान दिया गया है। संधू ने कहा कि पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित करने वाले एकमात्र भारतीय नेता होंगे।

ब्लिंकन ने दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच अनूठे संबंधों के बारे में बोलते हुए कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका बड़े, जटिल देश हैं। हमें निश्चित रूप से पारदर्शिता बढ़ाने, बाजार पहुंच को बढ़ावा देने, अपने लोकतंत्र को मजबूत करने, अपने लोगों की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए काम करना है, लेकिन, यह साझेदारी अनूठी है और यह वादे से भरी हुई है।’