केंद्र सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Privatization Of Shipping Corporation) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। इस बीच, कंपनी ने अपने वित्तीय सेहत की जानकारी दी है।

वित्तीय नतीजों के मुताबिक मार्च तिमाही में कंपनी को घाटा जरूर हुआ है लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को मुनाफा हुआ है। मार्च 2021 को समाप्त चौथी तिमाही में शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) का मुनाफा 23 प्रतिशत घटकर 85.76 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में उसे 111 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी की इनकम 900.73 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,391.85 करोड़ रुपये थी।

पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का मुनाफा 696 करोड़ रुपये रहा। जबकि एक साल पहले 2019-20 में उसे 336.48 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। बता दें कि सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ अपनी पूरी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। शिपिंग कॉरपोरेशन के विनिवेश की प्रक्रिया महामारी के कारण पूरी नहीं हो पा रही है।

सरकार को जुटाने हैं 1.75 लाख करोड़: वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य तय किया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से सरकार इसका आधा भी रकम नहीं जुटा सकी। (ये पढ़ें—BPCL हो या एयर इंडिया, सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने वाले को देनी होगी पूरी डिटेल)

बिकने वाली हैं ये कंपनियां भी: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अलावा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, एयर इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल लिमिटेड की भी विनिवेश का ऐलान किया था। इसके अलावा एलआईसी का भी आईपीओ आने वाला है। (ये पढ़ें—सरकार बेच रही शिपिंग कॉरपोरेशन की हिस्सेदारी, खरीदने वालों की रेस में ब्रिटेन की कंपनी भी शामिल)