प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की गई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एम्प्लाईमेंट लिंक्ड इनसेंटिव (ELI) योजना को मंजूरी दे दी है। सरकार इस योजना के तहत सभी क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी है। इस योजना के तहत सरकार की योजना 2 साल में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी देना है। इस योजना का उद्देश्य मैनुफेक्चरिंग सेक्टर पर फोकस करते हुए पहली बार काम करने वालों के लिए प्रोत्साहन देना है साथ ही देश में बेरोजगारी को कम करना है।
इस स्कीम को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से जानकारी शेयर की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ 2 वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के रोजगार सृजन का समर्थन करने के लिए इस योजना को बनाया गया है। बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा इस स्कीम का ऐलान किया गया था। खुशखबरी! लाड़ली बहनों को मिलेगा रक्षाबंधन बोनस
दो किस्तों में मिलेगी ये सब्सिडी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर इसका फोकस होगा। इसके दो पार्ट फर्स्ट टाइमर और सस्टेन एम्प्लाईमेंट के लिए बनाए गए हैं। पहली बार नौकरी खोजने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सस्ता हुआ एलपीजी सिलेंडर
इस वजह से फर्स्ट टाइमर पर सब्सिडी की मंजूरी दी गई है, जिसमें अधिकतम 15 हजार रुपये तक दिया जाएगा। यह दो किस्त में एक छह महीने और दूसरा 12 महीने में दिया जाएगा। इस सब्सिडी का फायदा कंपनियों को दिया जाएगा। दूसरा सस्टेन एम्प्लाईमेंट देते हैं तो इसके तहत 2 वर्ष तक 3000 रुपये हर महीने हर कर्मचारी पर सपोर्ट दिया जाएगा। इससे रोजगार के अधिक अवसर खुलेंगे।
ELI Scheme क्या है?
ELI Scheme का पूरा नाम एंप्लायमेंट लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम है। इस योजना का मकसद देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के मौके तैयार करना है। यह योजना सभी सेक्टर्स में लागू होगी, लेकिन खास फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर रहेगा। इस स्कीम के तहत मिलने वाले लाभ उन्हीं नौकरियों पर लागू होंगे जो 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच दी जाएंगी।