कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने के लिए जो भी बोली लगाएगा उसे मालिकान के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की ओर से ये जानकारी दी गई है। विभाग सरकार की कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री का प्रबंधन का काम करता है।

इसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की बीपीसीएल, एयर इंडिया और बीईएमएल जैसी कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने में रूचि रखने वाली विदेशी और भारतीय बोलीदाताओं को सौदे से अंतिम रूप से लाभान्वित मालिकों के बारे में खुलासा करना होगा। दीपम ने अधिग्रहणकर्ता के लिये सुरक्षा मंजूरी को लेकर आवेदन का प्रारूप जारी किया है।

प्रारूप के अनुसार बोलीदाता अगर एकमात्र खरीदार है तो उसे सरकार के साथ अपने निदेशकों और भागीदारों की राष्ट्रीयता, पता, संरक्षक, जिस देश के रहने वाले हैं, वहां की विशिष्ट पहचान संख्या और पासपोर्ट संख्या साझा करना होगा।

इसके साथ ही शेयरधारकों/पात्र रूचि रखने वाला पक्ष (क्यूआईपी) के सदस्यों (सभी कंपनियों/लोगां जिनकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी या 10 प्रतिशत मतदान अधिकार अथवा वितरित लाभांश का 10 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने वालों) के बारे में जानकारी देना होगा।

वहीं, सुरक्षा मंजूरी के लिये स्व-घोषणा के जरिये यह भी बताना होगा कि क्यूआईपी का चीन और पाकिस्तान में किस रूप में तथा किस हद तक मौजूदगी है। क्यूआईपी अगर समूह है तो उसे सभी सदस्यों के नाम, हिस्सेदारी का प्रतिशत, पता और पंजीकरण ब्योरा देना होगा।

अगर कर्मचारी श्रेणी में बोली आती है तो उन्हें सुरक्षा मंजूरी से छूट हैं। हालांकि इस श्रेणी में अगर दूसरे समूह भागीदार हैं तो उन्हें कर्मचारी बोली के तहत सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी।