8th Pay Commission Salary Pension Hike, Fitment Factor: मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। जल्द ही 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति भी हो जाएगी। यह आयोग साल 2025 के अंत तक बन जाएगा। वहीं 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो सकता है, क्योंकि सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर, 2025 को ही खत्म हो रहा है। यानी कर्मचारियों की बढ़ी हुई सैलरी 1 फरवरी, 2026 से आने लगेगी। केंद्र सरकार की घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में खुशी की लहर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम मूल वेतन बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारी यूनियन और अन्य कर्मचारी संगठन 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 3 तक रखने की मांग कर रहे हैं। अगर उनकी मांग मान ली जाती है तो सैलरी में करीब 180 फ़ीसदी की वृद्धि हो जाएगी। हालांकि अभी यह सिर्फ मांगे हैं।
कितनी बढ़ेगी पेंशन?
वहीं अगर फिटमेंट फैक्टर में 2.86 फ़ीसदी की वृद्धि होती है तो पेंशन में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये है। अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर लगाया जाता है तो केंद्रीय रिटायर्ड कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन भी 25,740 रुपये तक पहुंच जाएगी।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
अब लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर में फिटमेंट फैक्टर होता क्या है? फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी फॉर्मूले के आधार पर वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन को बढ़ाता है। फिटमेंट फैक्टर का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना और उनकी खर्च करने की क्षमता को बनाए रखना है।
फिटमेंट फैक्टर तय करते समय इन चीजों का रखा जाता है ध्यान
अगर हम फिटमेंट फैक्टर की बात करें तो इसे तय करने में कई चीजों का ध्यान रखना होता है। इसमें सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर कर्मचारियों की जरूरत, देश की अर्थव्यवस्था सबको ध्यान में रखा जाता है। जब आयोग बैठक करता है तो उस दौरान कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतनमान और भत्तों की समीक्षा की जाती है। उसके बाद फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया जाता है। जब सातवां वेतन आयोग लागू हुआ तो उस पर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया गया था। इसका सीधा मतलब होता है कि वर्तमान में जो भी वेतन मिल रहा है उसको 2.57 से गुणा कर देना। अहम बात यह भी है कि यह केवल बेसिक है। इसमें बाद में महंगाई भत्ते और अन्य भत्तों का भी ध्यान रखा जाता है।
ग्रॉस सैलेरी और पेंशन पर फिटमेंट फैक्टर का होता है सीधा प्रभाव
केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रॉस सैलेरी और पेंशन पर सीधा प्रभाव फिटमेंट फैक्टर का होता है। फिटमेंट फैक्टर महंगाई के बढ़ते असर का संतुलन बनाए रखने में भी काफी मदद करता है। इसीलिए जब भी वेतन की बात आती है तो कर्मचारी संघ फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग करते हैं।
केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग का सीधा फायदा 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। वहीं 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार के चार लाख कर्मचारी भी आठवें वेतन आयोग के दायरे में आएंगे।