वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा दोनों देशों को लड़खड़ाते द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के लिए सुनहरा मौका होगा, हालांकि हालात अनुकूल नहीं हैं।

मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने न्यूयार्क पहुंचेंगे। वह वहां 29 और 30 सितंबर को व्हाइट हाऊस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे।

कार्नेगी एंडाओमेंट फॉर इंटरनैशनल पीस के ऐश्ले टेलिस ने मोदी की यात्रा से पहले लिए अपने लेख में कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा भारत और अमेरिका को अपने लड़खड़ाते संबंध बेहतर करने के लिए सुनहरा मौका है। दांव बड़ा है हालांकि आज के हालात विशेष तौर पर अनुकूल नहीं हैं।’’
टेलिस ने कहा कि यदि अमेरिकी मंत्रियों की हालिया यात्रा के दौरान मोदी की निजी टिप्पणी को संकेत माना जाए तो कहा जा सकता है कि वह चाहते हैं कि द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा जड़ता खत्म की जाए।

उन्होंने कहा ‘‘लेकिन उनका दृष्टिकोण जो स्पष्ट रूप से अपनी महत्वपूर्ण घरेलू परियोजनाओं में भारी-भरकम अंतरराष्ट्रीय निवेश आमंत्रित करने पर केंद्रित है, उससे किसी ऐसी गहरी अमेरिकी सहभागिता की संभावनाएं कमजोर पड़ जाती है जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग पुनर्जीवित हो।’’
मोदी-ओबामा की बैठक से उम्मीदें बहुत अधिक हैं। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक होगी।