अमेरीका के बाद मेक्सिको की संसद ने हाल ही में भारत और अन्य देशों से आयातिक 1,400 से ज्यादा उत्पादों पर टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दे दी। ये वे देश है जिन देशों के साथ मेक्सिको के मुक्त व्यापार समझौते नहीं है। अब खबर आई है कि कई उत्पादों पर एकतरफा तरीके से शुल्क बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत उसके साथ संपर्क में है, ताकि पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान निकाला जा सके। शनिवार को न्यूज एजेंसी भाषा को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
शुरुआती चरण से ही मेक्सिको के साथ चल रही बातचीत
अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में विधेयक पेश किए जाने के शुरुआती चरण से ही भारत मेक्सिको के साथ संवाद में था। मेक्सिको स्थित भारतीय दूतावास ने 30 सितंबर 2025 को मेक्सिको के आर्थिक मंत्रालय के सामने यह मुद्दा उठाया था और भारतीय निर्यात को नए शुल्कों से बचाने के लिए विशेष रियायतों की मांग की थी।
अधिकारी ने कहा, ”भारत मेक्सिको के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देता है और दोनों देशों के व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने वाले स्थिर एवं संतुलित व्यापारिक माहौल की दिशा में सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है।”
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व्यापार समझौता भारतीय कंपनियों को इन शुल्कों से बचाने में करेगा मदद
इसके अलावा, दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं और औपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए संदर्भ शर्तों (ToR) को जल्द अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह व्यापार समझौता भारतीय कंपनियों को इन शुल्कों से बचाने में मदद करेगा। ये शुल्क अमेरिका के दबाव में लगाए गए हैं, ताकि चीन के खिलाफ शुल्क बढ़ाने के मामले में अमेरिका के साथ तालमेल किया जा सके।
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मेक्सिको की सीनेट ने 11 दिसंबर को दी थी टैरिफ लगाने की मंजूरी
11 दिसंबर 2025 को मेक्सिको की सीनेट ने नए शुल्क उपाय को मंजूरी दी थी, जिसे बाद में संसद के दोनों सदनों से भी स्वीकृति मिल गई। इसका उद्देश्य मैनुफेक्चरिंग को बढ़ावा देना और व्यापार असंतुलन को कम करना है।
इस फैसले के तहत, मेक्सिको उन देशों से आने वाले व्यापक श्रेणी के उत्पादों (करीब 1,463 शुल्क लाइनों) पर लगभग 5% से लेकर 50% तक का ऊंचा आयात शुल्क लगाएगा, जिनका उसके साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं है। इनमें भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल हैं। ये बढ़े हुए शुल्क एक जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे।
इस संबंध में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और मेक्सिको के उप-आर्थिक मंत्री लुइस रोजेंडो के बीच उच्चस्तरीय बैठक पहले ही हो चुकी है और आगे तकनीकी स्तर की बैठकों की उम्मीद है।
भाषा
