वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी करेगी। आपको बता दें कि अनिल अग्रवाल वेदांता ग्रुप के मुखिया हैं और उनकी कंपनी ट्विन स्टार ये अधिग्रहण करने वाली है।

3 हजार करोड़ में अधिग्रहण: दिवालियापन मामलों की अदालत एनसीएलटी ने ट्विन स्टार को 3,000 करोड़ रुपये में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी है। वेदांता ग्रुप की कंपनी ट्विन स्टार 90 दिनों के भीतर करीब 500 करोड़ रुपये का एडवांस पेमेंट करेगी और बाकी धनराशि का भुगतान कुछ समय के भीतर नॉन डिबेंचर रिणपत्रों के रूप में करेगी।

कानूनी सेवा कंपनी शर्दुल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर अनूप रावत ने कहा कि यह दिवालियापन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और गुणवत्ता वाले मामलों के लिए यह एक शानदार मिसाल तय करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कारोबार से जुड़ी कंपनियों की संख्या को देखते हुए यह सबसे जटिल मामलों में से एक था और काफी चुनौतीपूर्ण था। प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों ने एक सफल प्रस्ताव हासिल करने के लिए लगातार मेहनत की।

1986 में हुई थी शुरुआत: साल 1986 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की शुरुआत हुई थी। इसके बाद यह भारत की पहली कंपनी बनी जिसे रंगीन टीवी बनाने का लाइसेंस मिला। इसके कुछ साल बाद 1990 में कंपनी ने अपने पोर्टफोलिया का विस्तार किया और एसी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रीजेरेटर्स बनाने लगी। करीब तीन दशक बाद साल 2020 में ग्रुप ने ऑयल एंड गैस, टेलीकॉम, रिटेल और डीटीएच टीवी में कदम रखा।

कितनी है अनिल अग्रवाल की दौलत: वेदांता समूह के मुखिया अनिल अग्रवाल की दौलत 4.5 बिलियन डॉलर के करीब है। अनिल बिहार से हैं। कबाड़ के धंधे से छोटा व्यापार शुरू करके माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बनने तक के सफर में उन्हाेंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अनिल ने महज 15 साल की उम्र में अपने पिता के बिजनेस के लिए स्कूल छोड़ दिया और पहले पुणे और फिर मुंबई आ गए थे। इसके बाद से ही कारोबार का विस्तार किया। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)