तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की अनुषंगी मेंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (एमआरपीएल) कथित रूप से कम से कम 10 करोड़ रुपए की उत्पाद शुल्क चोरी के मामले में केंद्रीय राजस्व प्राधिकरण की जांच के घेरे में हैं। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार (18 सितंबर) बताया कि केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की है और मेंगलूर की एमआरपीएल से कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं। यह मामला कथित रूप से मिक्स्ड जाइलीन के गलत वर्गीकरण से संबंधित है। कंपनी इसका उत्पादन करती है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल पेंट्स में सॉल्वेंट के रूप में होता है।

इसके अलावा इसका इस्तेमाल कीटनशक, टाइल एडहेसिव, प्रिंटिंग, पैकेजिंग और निर्माण रसायन में होता है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी इसे जैविक रसायन घोषित कर इस पर कथित रूप से 12.5 प्रतिशत का शुल्क अदा कर रही है। जबकि उसे इसे खनिज तेल घोषित करना चाहिए जिसपर 14 प्रतिशत का शुल्क लगता है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर एमआरपीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी इस पर विशेषज्ञ पेशेवर की राय लेने की प्रक्रिया में है। सूत्रों का कहना है कि एमआरपीएल द्वारा उत्पाद शुल्क अपवंचना करीब 10 करोड़ रच्च्पये की है।