गैर-सरकारी एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए गुड न्यूज है। 1 अक्टूबर, 2025 से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़े बदलाव होने वाले हैं। इसके तहत अब गैर-सरकारी क्षेत्र के एनपीएस ग्राहकों को अब एक ही योजना में 100% तक इक्विटी में निवेश करने की अनुमति होगी।

PFRDA ने मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) नाम का एक मैकेनिज्म पेश किया है, जिसके तहत अब गैर-सरकारी एनपीएस ग्राहकों को एक ही पैन के तहत कई योजनाओं में निवेश करने की अनुमति मिलेगी।

भारत में पेंशन रेगुलेटर PFRDA ने एक बयान में कहा, ‘यह स्ट्रक्चर PFRDA अधिनियम, 2013 की धारा 20(2) के सक्षम प्रावधानों के तहत विकसित किया गया है, जो ग्राहकों को NPS के तहत कई योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है।’

MSF के फीचर्स

यह फ्रेमवर्क एक नए आर्किटेक्चर पर आधारित है जहां एक ग्राहक, केंद्रीय अभिलेखपाल एजेंसियों (CRA) में पैन के जरिए विशिष्ट रूप से पहचाना जाएगा, प्रत्येक CRA में PRNA के जरिए एनपीएस के भीतर कई योजनाओं को होल्ड और मैनेज कर सकेगा।

यह पहले के स्ट्रक्चर से अलग है, जहां एक ग्राहक प्रति स्तर केवल एक ही निवेश विकल्प का संचालन कर सकता था और एक सीआरए से जुड़ा हो सकता था। पीएफआरडीए ने कहा कि एक पैन पहचान के तहत कई योजनाओं को सक्षम करके, यह स्ट्रक्चर विविधीकरण पर आने वाली बाधाओं को दूर करता है और ग्राहकों को अपने निवेश को अपने उभरते रिटायरमेंट और वेल्थ-बिल्डिंग गोल्स के साथ align करने की ज्यादा गुंजाइश प्रदान करता है।

यह सुविधा सभी CRA (जैसे CAMS, Protean, Kfintech) के माध्यम से उपलब्ध होगी। पहले, यह विकल्प प्रति सीआरए प्रति स्तर केवल एक योजना तक सीमित था।

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निवेशकों के लिए नए विकल्प

MSF के तहत, प्रत्येक योजना के कम से कम दो प्रकार (एक मोडरेट और एक हाई रिस्क) होंगे।

सर्कुलर में साफ तौर पर कहां गया है कि प्रत्येक योजना के कम से कम दो प्रकार हो सकते हैं, एक मोडरेट और एक हाई रिस्क और हाई रिस्क कैटेगिरी में 100% तक इक्विटी अलॉटमेंट की अनुमति है यानी निवेशक अब अपनी रिस्क क्षमता के आधार पर मध्यम और हाई रिस्क वाले विकल्पों में से चुन सकेंगे।

पेंशन फंड को विभिन्न प्रकार के निवेशकों ( जैसे स्व-नियोजित पेशेवर, डिजिटल अर्थव्यवस्था कर्मचारी या नियोक्ता के सह-योगदान वाले कॉर्पोरेट कर्मचारी) के लिए योजनाएं बनाने की भी स्वतंत्रता दी गई है।

लाइफ के विभिन्न स्टेज में सपोर्ट

आमतौर पर निवेशक अपने करियर के शुरुआती दौर में रिस्क से बचते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, वे सुरक्षित निवेश को प्राथमिकता देने लगते हैं।

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स्टैंडर्ड और ट्रांसपेरेंसी

ट्रांसपेरेंट प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए हर योजना को एक प्रासंगिक बाजार सूचकांक (relevant market index) (जैसे इक्विटी सूचकांक, बॉन्ड सूचकांक, या समग्र मानक) के आधार पर मानकीकृत किया जाएगा।

टियर-1 और टियर-2 खाते

ये नियम मौजूदा और नए दोनों ग्राहकों पर लागू होंगे।

– टियर-1 खाता: रिटायरमेंट-फोकस्ड और इसमें अनिवार्य निहित अवधि होती है।

– टियर-2 खाता: स्वैच्छिक, वैकल्पिक निहित अवधि के साथ।

सर्कुलर के अनुसार, MFS के अंतर्गत एक योजना से दूसरी योजना में निवेश स्थानांतरित करने के लिए न्यूनतम 15 वर्ष की निहित अवधि आवश्यक है।

परिवर्तन नियम

यदि कोई ग्राहक अपनी मौजूदा योजना से असंतुष्ट है, तो वह परिवर्तन कर सकता है। हालांकि, 15 वर्ष की निहित अवधि पूरी होने से पहले परिवर्तन केवल सामान्य योजनाओं (पुरानी योजनाओं) में ही संभव है।

15 वर्ष पूरे होने के बाद, निवेशक विभिन्न MFS योजनाओं के बीच स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित हो सकेंगे।