LinkedIn Layoff: दुनियाभर की टेक कंपनियों में पिछले करीब 2 साल से लगातार छंटनी का दौर जारी है। अब खबर है कि LinkedIn ने अपने करीब 200 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। जी हां, एक रिपोर्ट के मुताबिक, लिंक्डइन ने अपनी ग्लोबल वर्क फोर्स से करीब 1 प्रतिशत लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। The Information की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियरिंग और कस्टमर सपोर्ट जैसे डिपार्टमेंट पर इस छंटनी का सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

जानकारी के मुताबिक, जॉब सर्च और न्यूज कंपनी ने यह फैसला दुनियाभर में वर्कफोर्स एडजस्टमेंट के चलते लिया है। प्रोफेशनल नेटवर्किंग फर्म ने साल 203 में भी कई चरणों में कर्मचारियों की छंटनी की थी। और कंपनी ने इसके लिए मार्केट की स्थितियों के बदलने का हवाला दिया था। इसके अलावा LinkedIn की पेरेंट कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी साल 2024 में कई बार लेऑफ कर चुकी है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल अलग-अलग डिवीजन से 1000 लोगों की कंपनी से छुट्टी की है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों की छंटनी पिछले दो हफ्तों से चल रही है और सबसे ज्यादा लोगों को इंजीनियरिंग कस्टमर सपोर्ट डिपार्टमेंट से निकाला गया है। हालांकि, लिंक्डइन ने आधिकारिक तौर पर इस छंटनी के पीछे किसी वजह की जानकारी नहीं दी है। लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि आर्थिक अनिश्चितता के बीच ऑपरेशनल दक्षता को ऑप्टिमाइज़ करने और कॉस्ट-कटिंग की कोशिश के चलते यह लेऑफ किया गया है।

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AI इंटिग्रेशन और लिंक्डइन के ऑपरेशंस पर इसका असर

LinkedIn और माइक्रोसॉफ्ट दोनों ही जेनरेटिव AI टूल्स एडॉप्ट करने में सबसे आगे हैं। और इनका इरादा इंडिविजुअल और एंटरप्राइज यूजर्स को लुभाने और यूजर एक्सपीरियंस बेहतर करने का है।

लिंक्डइन पर अब एआई फीचर्स के जरिए यूजर्स अपनी पोस्ट के लिए पर्सनलाइज्ड कॉन्टेन्ट जेनरेट कर सकते हैं। और दूसरे यूजर्स की पोस्ट पर AI की मदद से कमेन्ट भी कर सकते हैं। इन एडवांस फीचर्स के साथ यूजर इंटरैक्शन और इंगेजमेंट जहां बेहतर हुआ है, वहीं इंटरनल वर्कफ्लो पर असर पड़ा है खासतौर पर कुछ चुनिंदा टीमों को रीस्ट्रक्चर करने में AI का रोल रहा है।

क्या आपको पता है कि एलन मस्क की नई सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के जरिए यूजर्स डायरेक्ट अपने स्मार्टफोन्स को स्टारलिंक के सैटेलाइट्स से कनेक्ट कर सकेंगे। जी हां, ट्रेडिशन मोबाइल टावर की जरूरत खत्म हो जाएगी और उन जगहों पर भी इंटरनेट व कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी जहां तक अभी टेलिकॉम कंपनियां सेल टावर्स नहीं पहुंचा सकी हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें