देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ आने जा रहा है। आईपीओ की मंजूरी के लिए एलआईसी ने बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर का मसौदा जमा कराया है। ड्राफ्ट पेपर में दी गई जानकारी के मुताबिक एलआईसी के पास 21,539 रुपए बेकार पड़ा है। जिसे किसी भी पॉलिसीधारक ने क्लेम नहीं किया है। मार्च 2019 तक एलआईसी के पास 13,843 करोड़ रुपए, मार्च 2020 तक 16,052 और मार्च 2021 तक 18495 करोड़ रुपए बेकार पड़े थे। बता दें कि इस बेकार पड़े पैसे में अब तक मिला ब्याज भी शामिल है। जिसके कारण यह राशि साल दर साल बढ़ती जा रही है।

कैसे जमा हुआ पैसा?: एलआईसी के पास हर साल देश के लाखों लोग पॉलिसी कराते हैं। ये पॉलिसी लंबे समय के लिए होती हैं जिस वजह से कुछ लोग समय पर पॉलिसी नहीं भर पाते है। वहीं, कई बार पॉलिसीधारकों का कोई वारिस नहीं होता है। जिसके कारण एलआईसी के पास क्लेम नहीं आता। एलआईसी के पास बेकार पड़े पैसे में डेथ क्लेम, मेच्योरिटी क्लेम, सरवाइवल बेनिफिट प्रीमियम रिफंड शामिल है।

बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के एक सर्कुलर के अनुसार प्रत्येक बीमा कंपनी को 1000 रुपए से अधिक की अनक्लीमेड राशि के बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देनी होती है। जिससे पॉलिसीधारक या लाभार्थी दावा न की गई राशि के बारे में जानकारी ले पाए। बता दें कि 10 साल से अधिक समय हो जाने पर अनक्लिमेड राशि के एससीडब्ल्यूडी एक्ट के तहत वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

मार्च में आएगा LIC का आईपीओ: एलआईसी के आईपीओ का देश में इस साल मार्च में आ सकता है। आईपीओ के जरिए सरकार की योजना एलआईसी की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 68 हजार करोड़ पर जुटाने की है। आईपीओ में कर्मचारियों के साथ-साथ पॉलिसीधारकों के लिए भी 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित रखा है।

13 फरवरी को सेबी के पास जमा कराएं ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक एलआईसी के करीब 29 करोड़ पॉलिसीहोल्डर हैं। वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी की नई इंडिविजुअल पॉलिसी में बाजार हिस्सेदारी 74.6 फीसदी की है।