देश में दस्तक देने वाली आर्थिक मंदी की आहटों के बीच नौकरी गंवाने का डर सताना किसी के लिए भी लाजिमी है। यह अप्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर किसी भी व्यक्ति के वित्तीय प्रबंधन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, पूरी जानकारी और व्यवस्थित तरीके से इसके लिए तैयारी की जाए, तब इसका सामना करने में थोड़ी मदद मिल सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो मंदी के मद्देनजर आम लोगों को कम से कम इन पांच बातों का ख्याल रखना चाहिएः

1- घटा दें खर्चः आप इनकम फ्लो या फिर आस-पास का आर्थिक माहौल नहीं नियंत्रित कर सकते, पर आप अपने खर्च काबू जरूर कर सकते हैं। Finsafe India के संस्थापक मिरीन अग्रवाल ने बताया- किसी भी तरह की मंदी नौकरी के संकट पर प्रभाव डालती है। हमने ऑटो सेक्टर में कई इकाईयां बंद होने की खबरें सुनीं, जबकि इस क्षेत्र में काम करने वाले कई लोग बेरोजगार हो गए। ऐसे वक्त पर अपने खर्चों का खास ख्याल रखें। गैर-जरूरी चीजों पर न पैसे उड़ाएं।

2- निवेश न होने दें प्रभावितः Ladder7 Financial Advisories के फाउंडर सुरेश सदागोपन ने कहा, “बाजार के अच्छे हालात न हो, तो अपने निवेश को उससे न प्रभावित होने दें। मार्केट के मूवमेंट के चलते असेट एलोकेशन में बदलाव न करें। मसलन अगर आपकी एसेट एलोकेशन की मांग है कि 60 फीसदी इक्विटी और 40 प्रतिशत डेब्ट में आपको निवेश करना है, तब इसमें बदलाव न करें, क्योंकि इक्विटी में मिलने वाले रिटर्न हो सकता है आपकी उम्मीद के मुताबिक न हों।”

3- गोल आधारित निवेश पर रहें अडिगः खस्ताहाल मार्केट के बीच आमतौर पर लोग अपने निवेश को लेकर चिंतित रहते हैं, पर एक्सपर्ट्स की मानें तो इस दौरान परेशान नहीं होना चाहिए। सदागोपन ने आगे बताया- मैं देखता हूं कि लोग अपने निवेश के बारे में नकारात्मक बातें करने लगते हैं। अगर निवेश में आपका 30 फीसदी या उससे अधिक नुकसान हुआ है, तो बाहर निकल लीजिए। अगर निवेश को लेकर योजना बना ली है, तब उसी पर डटे रहिए। सबसे बड़ी समस्या है कि लोग बिना किसी मकसद (गोल) के निवेश करते हैं। अगर आपने आने वाले गोल्स के लिए प्रावधान तैयार कर रखे हैं, तब चिंता नहीं करनी चाहिए।

4- इमरजेंसी के लिए रहें रेडीः नौकरी गंवाने या फिर ऐसी ही मिलती-जुलती संकटग्रस्त स्थिति से निपटने के लिए अपने पास कुछ पैसों का बंदोबस्त कर के रखें। बकौल अग्रवाल, “अगर आपको आशंका है कि आपके सेक्टर में भी मंदी आने वाली है, तब अपने पोर्टफोलियो पर गौर करें। मसलन 2001 में टेलीकॉम उद्योग ने बुरे दौर का सामना किया था और तब कई कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती कर दी थी। ऐसे में आप देखें कि आपके पास ऐसी इमरजेंसी से निपटने के लिए अतिरिक्त कैश है या नहीं।”

5- स्किल्स बढ़ाने पर भी दें जोरः Planahead Wealth Advisors के विशाल धवन मानते हैं कि कर्मचारियों के लिए अपनी स्किल्स बढ़ाने का यही सबसे बढ़िया वक्त होता है। वे इसके जरिए न सिर्फ अपनी नौकरी बचा सकते हैं, बल्कि अन्य जगहों बेहतर विकल्प भी तलाश सकते हैं।