भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बता दें कि टेलीकॉम बिजनेस के बाद अब इंश्योरेंस सेक्टर में भी अनिल अंबानी के ग्रुप को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (IRDA) अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (RHICL) के नई हेल्थ पॉलिसीज की बिक्री पर रोक लगा दी है। इरडा (IRDA) ने यह फैसला कंपनी की खराब आर्थिक हालत को देखते हुए किया है। इसके साथ ही इंश्योरेंस रेगुलेटर संस्था ने RHICL को अपने सभी पॉलिसीधारकों की जिम्मेदारियों (Liabilities) को ग्रुप की अन्य कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (RGICL) को ट्रांसफर करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके तहत RGICL अब RHICL के दावों का निपटारा करेगी।
इरडा ने अपने आदेश में कहा है कि ‘RHICL की सोल्वेंसी तय नियमों के हिसाब से कम है। ऐसे में पॉलिसीधारकों के हित में RHICL का हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में रहना सही नहीं है।’ बता दें कि सोल्वेंसी अनुपात किसी भी कंपनी के अपने दावों को निपटाने की आर्थिक क्षमता को माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, RHICL का सोल्वेंसी अनुपात 30 जून को खत्म हुई तिमाही में 106 प्रतिशत था, जो कि तय नियमों के हिसाब से 150 प्रतिशत से कम है। इसके बाद बीती 30 सितंबर को इरडा ने कंपनी को अपने सोल्वेंसी अनुपात को नियंत्रित करने के निर्देश दिए थे।
हालांकि कई बार फॉलोअप के बाद भी कंपनी अपने सोल्वेंसी अनुपात को तय नियमों के अनुसार बेहतर नहीं कर सकी। यही वजह है कि इरडा ने आखिरकार RHICL के हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस पर रोक लगा दी है। बता दें कि इरडा ने बीते साल अक्टूबर में ही RHICL हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया था। इरडा ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को RHICL के दावों और संपत्तियों को कंपनी के बिजने से अलग रखने के निर्देश दिए हैं।