रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इरकॉन द्वारा विदेशी सलाहकारों को 422 करोड़ रुपए के भुगतान में कथित अनियमितताओं की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे के अधीन आने वाली कपंनी इरकॉन ने अपनी दो विदेशी रेल परियोजनाओं के लिए उक्त भुगतान किया था। यह भुगतान 2007 से 2014 के दौरान परामर्शकों को किया गया। हालांकि, एक ऑडिट में सलाहकारों की नियुक्ति व उन्हें भुगतान को लेकर आपत्ति जताई गई। इसके बाद पिछले सप्ताह यह मामला रेल मंत्री के ध्यान में लाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रभु ने इस मामले में विस्तृत जांच चाही है और सम्बद्ध अधिकारियों से उसी के अनुरूप कार्रवाई करने को कहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल से कहा गया है कि विदेशी परियोजनाओं के लिए परामर्शकों की नियुक्ति में मजबूत व पारदर्शी प्रणाली लागू की जाए।