INX Media Case: सीबीआई की टीम ने दिल्ली स्थित पी. चिदंबरम के घर पहुंचे और उन्हें दो घंटे में उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है। सीबीआई की टीम के सदस्यों ने चिदंरबम के घर पर नोटिस चिपकाया है, जिसमें उन्हें अगले 2 घंटे में मौजूदगी दर्ज करने को कहा है। सीबीआई की टीम से पहले चिदंबरम के घर पर ईडी की टीम भी आई थी। हालांकि इस दौरान सीबीआई और ईडी दोनों की टीमों को कांग्रेस नेता मिले नहीं। बता दें कि मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया और इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री गहरे कानूनी संकट में घिरते दिखे और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आईएनएक्स मीडिया से जुड़े धनशोधन मामले में वह ‘‘सरगना और प्रमुख षड्यंत्रकारी” प्रतीत हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यकता है।
Delhi: Central Bureau of Investigation (CBI) has put up a notice outside the residence of P Chidambaram to appear before them in the next two hours. Earlier today, Delhi High Court had dismissed his both anticipatory bail pleas in connection with INX Media case. pic.twitter.com/IeEI5IkvGF
— ANI (@ANI) August 20, 2019
अदालत ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला ‘‘धनशोधन का बेहतरीन उदाहरण’’ है। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अदालत से मिली राहत के दौरान पूछताछ में स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाना दो आधार हैं जिनके कारण उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा रही। पूर्व वित्त और गृह मंत्री चिदंबरम (73) को उच्चतम न्यायालय से भी तत्काल राहत नहीं मिली। इससे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उन्हें गिरफ्तार करने का रास्ता साफ हो गया।
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि ऐसे मामले में जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। न्यायमूर्ति गौड़ बृहस्पतिवार को अवकाशग्रहण करने वाले हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप भी शामिल हैं।
उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई, 2018 को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की थी जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया था। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है। अदालत ने कहा “क्योंकि वह सांसद हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत देने का कोई औचित्य नहीं होगा।” चिदंबरम राज्यसभा सदस्य हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ कुछ घंटों बाद, सीबीआई की एक टीम चिदंबरम के घर पॉश जोरबाग इलाके में गयी लेकिन उनके घर पर नहीं मिलने के बाद टीम लौट गयी। ईडी की एक टीम भी गयी लेकिन वह भी वापस लौट गयी।
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की और आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी में अनियमितताएं हुयीं इसके बाद, ईडी ने 2018 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया।
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अदालत ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर 25 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत के आदेश के बाद चिदंबरम ने चुप्पी साधे रखी और मीडिया से दूर रहे। चिदंबरम ने वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद से मशविरा किया।
भाषा के इनपुट के साथ।