दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस का मुनाफा वित्त वर्ष 2023 के दूसरी तिमाही में 11 फीसदी बढ़कर 6,021 करोड़ रुपये हो चुका है। वहीं तीन महीने में इंफोसिस ने लोगों को 10,032 से अधिक नौकरी दी है। इसके अलावा, कंपनी ने अपने निवेशकों के लिए चौथी बार शेयर बायबैक पेश किया है, जो कंपनी के निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। कंपनी ने 9,300 करोड़ रुपये का बायबैक पेश किया है, जिससे निवेशकों को 30 फीसदी की कमाई की उम्मीद है।
11 फीसदी बढ़ा कंपनी का मुनाफा
वित्त वर्ष 2023 के दूसरे तिमाही के दौरान कंपनी का कुल मुनाफा 6,021 करोड़ रुपये है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान कंपनी का कुल मुनाफा 5,421 करोड़ रुपये था। यानी कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि राजस्व 36,538 करोड़ रुपये रहा है, जो कि Q2FY22 में 29,602 करोड़ रुपये से 23.4 प्रतिशत अधिक है।
तीन महीने में 10 हजार से अधिक लोगों को नौकरी
दूसरे नंबर की आईटी कंपनी ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 10,032 लोगों को नौकरी दी गई है। इस कारण 30 सितंबर 2022 तक कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 3,45,218 हो चुकी है। हालांकि पिछले तिमाही में कंपनी ने 21,171 कर्मचारियों को नौकरी दी थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 85,000 फ्रेशर्स को नौकरी पर रखा था।
गौरतलब है कि मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलांजन रॉय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में, कंपनी ने 40,000 फ्रेशर्स को काम पर रखा है और पूरे साल के लिए 50,000 का टारगेट पूरा हो सकता है।
30 साल में चौथी पर कंपनी ने पेश किया शेयर बायबैक ऑफर
इंफोसिस कंपनी ने 1993 से अभी तक चौथी बार शेयर बायबैक का ऑफर पेश किया है। कंपनी ने इसका ऐलान करते हुए कहा है कि 9,300 करोड़ रुपये के कीमत के शेयरों को वापस लिया जाएगा। कंपनी ने प्रत्येक इक्विटी शेयर के लिए अधिकतम 1,850 रुपये का शेयर बायबैक पेश किया है, इसमें से प्रत्येक का फेस वैल्यू 5 रुपये है।
4,650 करोड़ रुपये का करेगी इस्तेमाल
अधिकतम बायबैक प्राइज पर, वापस खरीदे गए इक्विटी शेयरों की संभावित अधिकतम संख्या 50,270,270 शेयर होगी, जिसमें 30 सितंबर, 2022 तक (एक स्टैंडअलोन आधार पर) कंपनी के चुकता शेयरों का लगभग 1.19 प्रतिशत होगा। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह बायबैक के लिए तय की गई अधिकतम राशि का कम से कम 50 फीसदी यानी 4,650 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करेगी। इंफोसिस 2021, 2019 और 2017 में बायबैक पेश कर चुकी है।
क्या होता है बायबैक और क्यों लाती हैं कंपनियां?
कंपनी का IPO आने पर कंपनियां अपने शेयर को निवेशकों में बांटती हैं, लेकिन बायबैक ठीक इसके उलट है। जब बायबैक पेश किया जाता है तो कंपनियां निवेशकों से शेयर वापस खरीदती हैं। बायबैक पर कितना खर्च होगा और किस किमत पर होगा, यह पहले ही तय किया जाता है। अमेरिका हो या भारत आईटी कंपनियों का ही बायबैक लाने का इतिहास रहा है। जब कंपनी का मुनाफा ज्यादा होता है तो कंपनी बायबैक लाती है। साथ ही अगर कंपनी को लगता है कि इसके शेयर की कीमत में उतनी नहीं है, जितनी होनी चाहिए तो बायबैक पेश किया जाता है।