केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ‘अडाप्ट ए हेरिटेज-2.0’ योजना के तहत देश के अलग-अलग भागों में मौजूद प्राचीन धरोहर स्थलों के संरक्षण कार्य में योगदान देने के लिए औद्योगिक घराने आगे आने लगे हैं। इससे उन्हें अपनी कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) को निभाने का अवसर मिलेगा, धरोहर स्थलों का विकास होगा और वहां पर आम जनता के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सितंबर महीने में जारी की गई इस योजना के तहत आगे आने वाले औद्योगिक घरानों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा तैयार की गई वेबसाइट में शामिल किए गए करीब एक हजार धरोहर स्थलों की सूची में से किसी एक को चुनना पड़ेगा और फिर उसके विकास के लिए अपना प्रस्ताव आनलाइन जमा कराना होगा। फिर ASI की मंजूरी मिलने के बाद वो उस धरोहर स्थल के विकास कार्य को शुरू करेगा। इसमें धरोहर स्थलों की साफ-सफाई, शौचालय का निर्माण, लाइट एंड साउंड शो, व्याख्या केंद्र, स्थल का नक्शा बनाने और स्मारिका दुकानें खोलना शामिल है।

आगे आए टाटा, डालमिया जैसे घराने

सूत्रों ने बताया कि धरोहर स्थलों के संरक्षण के लिए आगे आने वाले औद्योगिक घरानों में टाटा और डालमिया समूह के अलावा जिंदल, किरन नादर फाउंडेशन, बजाज समूह, जेके सीमेंट और जी समूह भागीदारी करने के इच्छुक हैं। जिंदल समूह ने एएसआइ को कर्नाटक स्थित हम्पी के संग्रहालय के नवीनीकरण की इच्छा जताई है। वो इसके लिए व्यापक परियोजना रपट (डीपीआर) तैयार कर रहे हैं। जबकि किरन नादर फाउंडेशन राजधानी दिल्ली के कुतुब मीनार का विकास करना चाहता है।

बजाज समूह ने एएसआइ को महाराष्ट्र में मौजूद एलिफेंटा की गुफाओं, जेके सीमेंट ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ और कानपुर के पास मौजूद धरोहर स्थलों और जी समूह ने अग्रसेन की बावड़ी के विकास को लेकर रुचि प्रकट की है। डालमिया समूह लाल किले के विकास कार्य में और अधिक योगदान देने का इच्छुक है। सूत्रों ने कहा कि डेढ़ से दो महीने में इस बाबत और प्रस्ताव आने की संभावना है।

खर्च होगी CSR की दो फीसद धनराशि

उन्होंने बताया कि धरोहर स्थलों की यह विकास परियोजना कुल पांच वर्षों की होगी। इसके बाद ASI इसे पांच वर्ष के लिए और आगे बढ़ा सकता है। औद्योगिक घराने इस विकास कार्य के लिए अपनी कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की दो फीसद धनराशि खर्च करेंगे। इस विकास कार्य के दौरान एएसआइ संबंधित औद्योगिक घराने को धरोहर स्थल पर किसी संकेत के जरिए अपनी पहचान स्थापित करने का मौका देगा।