इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई ना करने की बात कही है। कोर्ट ने कहा कि हम एयरलाइंस नहीं चला सकते। भारत सरकार ने पहले ही इस मामले का संज्ञान ले लिया है, समय पर कार्रवाई की गई है। इसके बाद मामले को बुधवार के लिए लिस्ट कर दिया गया। बता दें कि इंडिगो की उड़ानों में लगातार सातवें दिन भी रुकावट जारी है। विमानन कंपनी ने सोमवार को दिल्ली- बेंगलुरु हवाई अड्डे से 250 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने यह स्वीकार किया कि फ्लाइट रद्द होने के कारण कई यात्रियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। याचिकाकर्ता अधिवक्ता नरेंद्र मिश्रा ने याचिका दाखिल कर शीर्ष अदालत से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 2,500 से अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं और देशभर के सभी प्रमुख हवाई अड्डे प्रभावित हुए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को जरूरी हस्तक्षेप करना चाहिए।

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इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई को एक सूत्र ने बताया कि इंडिगो ने बेंगलुरु हवाई अड्डे से रवाना होने वाली 62 उड़ानें और यहां पहुंचने वाली 65 उड़ानें रद्द की हैं। वहीं दिल्ली हवाई अड्डे पर 134 फ्लाइट्स रद्द की गईं। इनमें 75 उड़ानें रवाना होनी थीं जबकि 59 को यहां पहुंचना था।

कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समयसीमा बढ़ी

इसके अलावा, विमानन सुरक्षा नियामक DGCA ने रविवार देर शाम जारी किए गए आदेश में इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और मुख्य परिचालन अधिकारी (Chief Operating Officer) व उत्तरदायी प्रबंधक (Accountable Manager) इसिड्रो पोरक्वेरास को एयरलाइन के ऑपरेशन में जारी बाधाओं को लेकर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की समयसीमा बढ़ा दी है। अब उन्हें सोमवार शाम 6 बजे तक अपना जवाब जमा करना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों को अपने जवाब दाखिल करने के लिए 24 घंटे का अतिरिक्त समय, यानी सोमवार शाम छह बजे तक की समय सीमा दी गई है।

गौर करने वाली बात है कि पिछले कई दिनों से इंडिगो की उड़ान सेवाओं में बड़े पैमाने पर लगातार व्यवधान हो रहा है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी है। इसी वजह से नियामक ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

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2 दिसंबर से जारी है IndiGo संकट

इंडिगो को 2 दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द करने को लेकर सरकार और यात्रियों- दोनों की नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है। एयरलाइन ने इन कैंसिलेशन का कारण पायलटों की नई फ़्लाइट ड्यूटी और विनियम संबंधी बदलावों को बताया है जिसके चलते देशभर में लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंस गए।

पहले तीन दिनों तक राहुल भाटिया की आंशिक हिस्सेदारी वाली यह एयरलाइन इन भारी मात्रा में हो रही उड़ान रद्दियों को स्वीकार करने में विफल रही। और सिर्फ एक दिन में (शुक्रवार) एयरलाइन ने 1600 उड़ानें रद्द कीं जो भारतीय विमानन इतिहास में एक रिकॉर्ड है। इसके बाद सीईओ पीटर एल्बर्स ने यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए माफी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया।

संदेश में उन्होंने स्वीकार किया कि एयरलाइन बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कर रही है, लेकिन यह नहीं बताया कि सिर्फ उसी दिन 1,600 उड़ानें रद्द होने वाली थीं।

राहुल भाटिया के आंशिक स्वामित्व वाली यह विमानन कंपनी दो दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द करने को लेकर सरकार और यात्रियों दोनों की तीखी आलोचना झेल रही है। कंपनी ने इसके लिए पायलटों की नयी उड़ान ड्यूटी और नियमों में हुए बदलाव का हवाला दिया। उड़ानें रद्द होने के कारण लाखों यात्री देशभर के हवाई अड्डों पर फंस गए।

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देश की सबसे किफायती एयरलाइन के मौजूदा हालात थोड़े खराब है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज करना नामुमकिन है कि इंडिगो महज एक और एयरलाइन नहीं है। यह भारतीय एयरलाइन सेक्टर की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है, एक ऐसी एयरलाइन जिसने आम लोगों के लिए उड़ान की नई परिभाषा गढ़ी और किफायती एयर ट्रेवल के विचार को महानगरों से आगे बढ़ाया…पढ़ें पूरी खबर