दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस अपनी कंपनी ब्लू ऑरिजिन के रॉकेट न्यू शेफर्ड से स्पेस की यात्रा करने जा रहे हैं। इस रॉकेट का भारत से भी गहरा कनेक्शन है। दरअसल न्यू शेफर्ड रॉकेट को बनाने वाली 13 इंजीनियरों की टीम में भारत की एक महिला इंजीनियर भी शामिल है। इस महिला इंजीनियर का नाम संजल गवांडे है। 30 वर्षीय संजल मुंबई के कल्याण इलाके की रहने वाली हैं।
संजल ने मुंबई यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। वह ब्लू ऑरिजिन में सिस्टम इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। संजल इसी साल अप्रैल से ब्लू ऑरिजिन में काम कर रही हैं। जेफ बेजोस 20 जुलाई को न्यू शेफर्ड रॉकेट के जरिए स्पेस की यात्रा करेंगे। इस सफर में बेजोस के भाई मार्क बेजोस, महिला पायलट वैली फंक और 18 वर्षीय छात्र ओलिवर डैमेन भी स्पेस का सफर करेंगे।
स्पेसशिप बनाना चाहती थीं संजल: मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई करने के लिए संजल ने 2011 में अमेरिका की मिशिगन टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था। संजल के पिता अशोक गवांडे ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि वह हमेशा स्पेसशिप बनाना चाहती थी। इसीक कारण उसने मास्टर्स की पढ़ाई के दौरान एयरोस्पेस को एक विषय के रूप में चुना। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में संजल ने अपने बचपन के सपने के पूरा होने पर काफी खुशी जताई। संजल ने कहा कि वह ब्लू ऑरिजिन टीम का हिस्सा बनने पर काफी गौरव महसूस कर रही हैं।
नागरिकता को लेकर नासा में नहीं मिल पाई थी नौकरी: मास्टर्स की डिग्री पूरी करने के बाद संजल ने मरक्यूरी मैरीन में 3 साल तक काम किया। इसके बाद संजल ने मैकेनिकल डिजाइन इंजीनियर के तौर पर टोयोटा रेसिंग डेवलपेंट में नौकरी की। संजल गवांडे के पास कमर्शियल पायलट लाइसेंस भी है। एक बार संजल ने अमेरिका की नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा में स्पेस इंजीनियरिंग की नौकरी के लिए भी आवेदन किया था। लेकिन नागरिकता के मुद्दों को लेकर संजल को नासा में नौकरी नहीं मिल पाई।
11 मिनट का सफर करेगा ब्लू शेफर्ड: ब्लू ऑरिजिन का न्यू शेफर्ड रॉकेट करीब 11 मिनट का सफर करेगा। बताया जा रहा है कि यह रॉकेट 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर केरमेन लाइन तक का सफर करेगा। इस लाइन को पृथ्वी के वातावरण और स्पेस के बीच बाउंड्री के रूप में जाना जाता है।

