GDP Data: दो सालों के कोरोना महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती दिखाई दे रही है। भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने की ओर बढ़ रही है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी ग्रोथ 13.5 फीसदी रही है। वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने बुधवार को यह जानकारी दी।

टी वी सोमनाथन ने पहली तिमाही के जीडीपी की वृद्धि दर के आंकड़ों पर कहा कि अर्थव्यवस्था महामारी-पूर्व के स्तर के मुकाबले चार प्रतिशत ऊपर है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही है। उन्होंने आयात बढ़ने से राजकोषीय स्थिति पर दबाव पड़ने की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए आश्वस्त है।

दरअसल, कोरोना महामारी के उद्योग-धंधों पर बहुत असर पड़ा था और इस कारण अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई थी। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में इसमें 23.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं, करीब दो सालों के महामारी के बाद अब देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती दिखाई दे रही है। कृषि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 प्रतिशत रही। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे अधिक है। इस वृद्धि के साथ भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

जीएसटी कलेक्शन 1.42-1.43 लाख करोड़ के दायरे में रहने का अनुमान

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी वृद्धि दर 2021 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत, अक्टूबर-दिसंबर में 5.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च, 2022 में 4.1 प्रतिशत रही थी। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि अगस्त में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन 1.42-1.43 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रहने की संभावना है। इससे अर्थव्यवस्था में तेजी का संकेत मिलता है। उन्होंने कहा कि सकल स्थिर पूंजी निर्माण अप्रैल-जून में 34.7 प्रतिशत बढ़ा, जो 10 वर्षों में सबसे अधिक है।