Indian Share Market Gave better return than china: भारतीय शेयर बाजार में भले ही पिछले कुछ दिनों से लगातार उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। लेकिन पिछले पांच सालों में घरेलू शेयर मार्केट ने रिकॉर्ड रिटर्न दिया है। खास बात है कि रिटर्न देने के मामले में भारत ने चीनी शेयर बाजार को पीछे छोड़ दिया है। सोमवार (14 अक्टूबर 2024) को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने बताया कि भारतीय शेयर बाजार ने पिछले 5 सालों में लगातार 15 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि चीन में यह शून्य रहा है। जबकि कई कई मामलों में तो गिरावट रही है।

नारायण ने कम जोखिम पर अधिक रिटर्न देने वाले भारतीय बाजार को ‘सोने पे सुहागा’ बताते हुए निवेशकों के लिए सावधानी के कुछ क्षेत्रों को भी चिह्नित किया और उन्हें जोखिमों के प्रति सचेत रहने के लिए कहा।

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उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में चीन के बाजारों के बारे में काफी चर्चा हो रही है। लेकिन पिछले पांच साल में भारतीय बाजार ने लगातार लगभग 15 प्रतिशत सालाना का रिटर्न दिया है। वहीं चीन का बाजार इसके आसपास भी नहीं हैं। वहां रिटर्न लगभग शून्य है। वास्तव में हॉन्ग कॉन्ग जैसे कुछ मामलों में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है।’’

नारायण ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में निवेशक जागरूकता सप्ताह की शुरुआत के अवसर पर एक कार्यक्रम कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 भारत के लिए एक ‘शानदार’ वर्ष था। इसमें मानक सूचकांकों ने 28 प्रतिशत का रिटर्न दिया और उतार-चढ़ाव को देखा जाए तो यह केवल 10 प्रतिशत था। नारायण ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार की स्थिति ‘सोने पे सुहागा’ वाली है। यह दुनिया में सबसे अच्छा है। कम जोखिम और बहुत अधिक रिटर्न। हालांकि, इसके दुष्प्रभाव भी हैं।’’

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उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आगे चलकर सब कुछ पहले जैसा नहीं रहेगा और निवेशकों को इसे एकतरफा रास्ता नहीं मानना ​​चाहिए। इस तरह के शानदार रिटर्न से आत्मसंतुष्टि हो सकती है। उन्होंने कई युवाओं को इस तेजी का लाभ उठाने को लेकर डीमैट खाते खोलने की बात कही। नारायण ने कहा कि लोगों को जोखिमों के बारे में जागरूक होने की भी जरूरत है।

उन्होंने कार का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें जोखिमों के बारे में जागरूक होने और जरूरत पड़ने पर ‘ब्रेक’ का उपयोग करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों से जुड़ा क्रमश: स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांक पिछले पांच साल में पांच गुना चढ़ा है। इसका कारण निवेशकों का पूंजी प्रवाह और नये शेयरों की आपूर्ति के बीच असंतुलन है। पूंजी बाजार नियामक इस असंतुलन को दूर करने के लिए यह सुनिश्चित कर रहा है कि पूंजी जुटाने की मंजूरी जल्दी दी जाए ताकि बाजार में गुणवत्ता वाले शेयरों की आपूर्ति लगातार बनी रहे।

नारायण ने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि दीर्घकालिक नजरिये से देश में आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए भारतीय बाजार यहां से आगे ही बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि निवेशकों को देश में इस अवसर को भुनाने के लिए सही मीडिएटर्स की जरूरत है। उन्हें गैर-पंजीकृत और अत्यधिक मुनाफे का लालच देकर रातों-रात गायब होने वाली कंपनियों के झांसे में नहीं आना चाहिए। ऐसी कंपनियां निहित स्वार्थों से प्रेरित हो सकते हैं। नारायण ने यह भी कहा कि निवेशकों को ज्यादा कारोबार यानी खरीद-बिक्री से बचना चाहिए और अधिक रिटर्न के लिए लंबे समय तक बाजार में बने रहने की जरूरत है।

एजेंसी इनपुट के साथ