रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ते वैश्विक दबाब के कारण भारतीय आईटी दिग्गज कंपनी इन्फोसिस ने रूस में कारोबार समेटने का ऐलान किया है। इसके साथ इन्फोसिस उन कंपनियों की सूची में शामिल हो गयी है जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां अपना कारोबार बंद कर रही है।

कंपनी के चौथे तिमाही के नतीजों को जारी करते हुए सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा कि “फिलहाल हम किसी भी रुसी ग्राहक के साथ कार्य नहीं कर रहे हैं। रूस में हम जो काम करते है। वह हमारे वैश्विक ग्राहकों के लिए है जिनका संचालन रूस से होता है। रूस में हमारे पास 100 से भी कम कर्मचारी है। हमने अपने ग्राहकों के साथ काम करते हुए, वहां से निकलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे इन्फोसिस के कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं होगा”    

यूके में उठे सवाल: रूस को ओर से यूक्रेन में हमला करने के बाद भारतीय मूल के ब्रिटेन के विदेश मंत्री ऋषि सुनक ने कंपनियों से रूस का बहिष्कार करने को कहा था। उसके बाद ब्रिटेन में भारतीय आईटी दिग्गज कंपनी इन्फोसिस के रूस में संचालन पर सवाल उठे थे। बता दें, सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी है और उनके पास कंपनी की करीब 0.93 फीसदी हिस्सेदारी है।

रूस युद्ध का आईटी कंपनियों पर असर:जानकारों के मुताबिक रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर की आईटी कंपनियों ने पूर्वी यूरोप में निवेश की योजना का ब्रेक लगा दिया है। एवेरस्ट ग्रुप की ओर से जारी किये डाटा के अनुसार इस युद्ध के कारण पूर्वी यूरोप में करीब 70,000 से 1,00,000 आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे।

इन्फोसिस के चौथी तिमाही के नतीजे: देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस का मुनाफा चौथी तिमाही में साल दर साल 12 फीसदी बढ़कर 5686 करोड़ रुपए हो गया है। इस दौरान कंपनी की आय 22.7 फीसदी बढ़कर 32,276 करोड़ रुपए हो गयी है। कंपनी ने बताया कि 2021-22 के दौरान करीब 85 हजार फ्रेशर को नौकरी दी है और चालू वित्त वर्ष में 50 हजार फ्रेशर को नौकरी देने की योजना बनाई है।