विश्व बैंक ने चेतावनी देते हुए कहा है कि संसद में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पास नहीं हुआ तो भारत सरकार की ढांचागत सुविधाओं के क्षेत्र में खर्च बढ़ाने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि बैंक ने यह कहा है कि विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति अच्छी बनी रहेगी और 2016-17 के दौरान उसकी आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसद रहने का अनुमान है। यह वृद्धि दर चीन की वृद्धि के मुकाबले करीब एक फीसद अधिक होगी। विश्व बैंक ने बुधवार को जारी अपनी ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को पास कराने में नाकाम रहने पर सरकार की ढांचागत क्षेत्र की जरूरतों के लिए खर्च बढ़ाने और बंटे हुए घरेलू बाजार में स्थिरता बनाए रखने की उसकी क्षमता प्रभावित होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम मुख्यतौर पर घरेलू स्तर पर ही हैं जिनसे उस पर असर पड़ सकता है। भूमि सुधारों के क्षेत्र में धीमी प्रगति की वजह से निवेश में देरी हो सकती है और निजी क्षेत्र के निवेश पर इसका असर होगा, कुल मिला कर आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की समस्या भी चुनौती बनी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था में चमकता आकर्षक स्थान बना रहेगा और 2016-17 के दौरान उसकी आर्थिक वृद्धि दर 7.8 फीसद रहने का अनुमान है। बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को वर्ष 2015 के लिए मामूली 0.2 फीसद और 2016 व 2017 दोनों के लिए 0.1 फीसद कम किया है। विश्व बैंक की यह रिपोर्ट हर छह माह में जारी की जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता आकर्षक स्थान बना रहेगा क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था में और गिरावट की आशंका है।
भारत समूचे एशिया क्षेत्र की प्रभावशाली अर्थव्यवस्था है और इसके इस साल में 7.8 फीसद वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। अगले दो साल के दौरान इसके 7.9 फीसद वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है। बैंक का अनुमान है कि 2015 में चीन की अर्थव्यवस्था में 6.9 फीसद की अनुमानित वृद्धि रहने की उम्मीद है। इससे पहले विश्व बैंक ने जून में जो अनुमान लगाया था ताजा अनुमान उससे 0.3 फीसद कम है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन की आर्थिक वृद्धि वर्ष 2016 में 6.7 फीसद और उसके बाद 2017 और 2018 दोनों साल में 6.5 फीसद रहने का अनुमान है। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार रूस और ब्राजील वर्ष 2016 में 0.3 फीसद और 2017 में 0.4 फीसद की संभावित वृद्धि के साथ लगातार मंदी के दौर में रहेंगे।
बैंक ने कहा है कि दुनिया के अन्य विकासशील देशों के मुकाबले भारत में आर्थिक वृद्धि की दर लगातार बेहतर बनी रहेगी। निवेशकों की धारणा मजबूत बनी रहेगी और कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट के फलस्वरूप वास्तविक आय पर सकारात्मक असर पड़ने से इसको बल मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार चढ़ाव के बावजूद पिछले वर्ष के दौरान भारतीय मुद्रा और शेयर बाजार ने अपनी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार को फिर से मजबूत किया है और इस दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगातार सकारात्मक बना रहा।