देश के जाने-माने उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन-फाउंडर गौतम अडानी दुनिया के 167वें सबसे अमीर शख्स हैं। 51 वर्षीय बिजनेसमैन ने कभी महज पांच लाख रुपए के साथ कारोबार शुरू किया था, पर आज वह लगभग 95 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।

खास बात है कि पिछले चार सालों में उनकी कुल संपत्ति में 2.48 गुणा इजाफा हुआ है। Hurun Rich List के मुताबिक, अडानी 94,500 करोड़ रुपए की संपत्तियों के साथ भारत में मौजूदा वक्त में पांचवें सबसे अमीर इंसान हैं।

अडानी का कारोबार रियल एस्टेट से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक फैला है। अडानी शुरुआत में सामान्य से कारोबारी थे, जिसके तीन साल बाद  उन्होंने महज पांच लाख रुपए की पूंजी के साथ एडानी एंटरप्राइजेज नाम की कंपनी शुरू की।

धीरे-धीरे वह काम करते रहे और आगे बढ़ते गए। कारोबार जगत में 25 साल पूरे होने पर उन्होंने अपनी कंपनी खड़ी की, जिसकी कुल संपत्ति 4700 करोड़ रुपए है। यह देश की बड़ी और नामी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है।

अडानी की कुल संपत्ति का अधिकतम हिस्सा उनके अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन में 66 फीसदी स्टेक से आता है। वह इन पांच अडानी समुह की कंपनियों- Adani Enterprises, Adani Power, Adani Transmissions और Adani Gas का 75 फीसदी नियंत्रण करते हैं।

अडानी समूह के अंतर्गत कुछ छह कंपनियां है, जिनका 2017-18 में 77 हजार करोड़ रुपए का टर्न-ओवर था, जबकि इसमें 20 हजार 141 करोड़ रुपए का ऑपरेटिंग प्रॉफिट था। गौतम अडानी ने इसके अलावा देश की सबसे बड़ी एडिबल ऑइल (खाद्य तेल) रिफाइनरी भी बनाई है, जहां प्रति दिन 10 हजार 105 टन तेल का उत्पादन होता है।

अडानी के ग्रुप ने पिछले छह सालों में अपना विस्तार न सिर्फ पोर्ट, कोल इंपोर्ट्स, कोल माइनिंग, पावर जेनरेशन, सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन में किया है, बल्कि खाद्य सामग्री में इस्तेमाल होने वाले तेल के आयात में किया भी है। इतना ही नहीं, उनकी कारोबारी रुचि इन चीजों के अलावा एयरपोर्ट्स, शहरी जल प्रबंधन, छोटे और मध्यम क्षेत्र को उधार देने, डेटा सेंटर, एयरोस्पेस और रक्षा आदि में भी है।

अडानी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अच्छे ताल्लुकात हैं। दरअसल, सरकार ने देश भर में पेट्रोल पंप और पाइप वाली नेचुरल गैस के स्टेशन स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड संख्या 126 में कॉन्ट्रैक्ट निकाले थे, जिसमें से 25 अडानी समूह को मिले।

अडानी के गृह नगर गुजरात में भी उनका कारोबार तब और फलने-फूलने लगा, जब नरेंद्र मोदी 2001 में वहां के मुख्यमंत्री बने थे। 2013 में इनका समूह वहां पर 44 प्रोजेक्ट्स संभाल रहा था, जो कि 2019 के अंत तक बढ़कर 92 हो गए।