भारत में बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ते इकॉनमी वाला देश इस साल होगा। गुरुवार को सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। गर्वनमेंट सोर्स ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी सावधानी बरतने को भी कहा है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग, कसीनों पर टैक्स लगाने के संबंध में वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट देने की भी जानकारी उजागर की है।
वहीं आरबीआई की ओर से मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि इस वित्त वर्ष में RBI ने तीन बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। सूत्रों के अनुसार, मुद्रास्फीति सुविधा क्षेत्र से ऊपर बनी हुई है, अर्थव्यवस्था अपने सुधार पथ पर जारी है, सेवाओं की मांग में कमी और उच्च औद्योगिक उत्पादन द्वारा समर्थित है। सूत्र ने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है और आरबीआई के साथ बातचीत कर रही है।
आरबीआई और सरकार इस प्रयास में है कि महंगाई दर कंट्रोल रहे और मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से अधिक ना हो। हालाकि मुद्रास्फीति लगातार छह महीनों से 6 प्रतिशत की ऊपरी सहनशीलता सीमा से ऊपर रही है, लेकिन फिर भी देश की इकॉनमी धीमी होने की संभावना बेहद कम है और अर्थव्यवस्था में उछाल रहने की उम्मीद है। सूत्र ने कहा कि भारत इस साल और अगले साल सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी।
वहीं मार्केट लॉस बढ़ने पर सूत्र ने कहा कि चालू खाता घाटा (सीएडी) आगे भी स्थिर रहना चाहिए। बताया कि सरकार लगातार उधारी लागत की निगरानी कर रही है और इसे कम करने के लिए आरबीआई सी बातचीत जारी है। जल्द ही इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
क्रिप्टो और ऑनलाइन गेम को लेकर क्या आई जानकारी
सरकारी सूत्रों ने क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन गेम को लेकर भी जानकारी शेयर की है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकुरेंसी के बारे में, सूत्र ने कहा कि सावधानी जरूरी है। इस कारण इसका इस्तेमाल बेहद सावधानी से होना चाहिए, क्योंकि हाल ही में WazirX एपिसोड ने क्रिप्टो लेनदेन के कई काले पक्षों को उजागर किया है।
क्या ऑनलाइन गेम पर लगेगा जीएसटी
सरकारी सूत्र ने जानकारी दी है कि ऑनलाइन गेम पर जीएसटी लगाया जा सकता है। साथ ही राज्यों के मंत्रियों का एक समूह कैसीनो पर कर लगाने पर अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप सकता है। वहीं इस बात की चर्चा की जा रही है कि अगर ऑनलाइन गेम पर जीएसटी लागू किया जाता है तो इसके लिए 28 प्रतिशत टैक्स चुकाना हो सकता है।