चीन के वुहान शहर से दुनिया भर के कई देशों में फैले कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भारत भी खासा चिंतित है। लेकिन इस संक्रमण के चलते तेल की कीमतों में गिरावट दिख रही है, जिससे भारतीय कंपनियों और ग्राहकों को कुछ राहत मिल सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते चीन में कच्चे तेल की मांग में कमी आई है। इसके अलावा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए सप्लाई चेन भी प्रभावित हुई है।
सोमवार को अमेरिकी कच्चे तेल में लगातार चौथे सप्ताह गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार में सुबह कच्चे तेल की कीमत 79 सेंट गिरकर 55.83 डॉलर रही। जनवरी महीने में ही कच्चे तेल में 12 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। नवंबर 2018 के बाद यह पहला मौका है, जब एक ही महीने के अंदर कच्चे तेल में इस कदर कमजोरी आई है।
चीन को एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में कमी: जनवरी के महीने में चीन में एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में बड़ी कमी आई है। इसके चलते वहां कच्चे तेल की मांग भी घटी है। चीन के कारोबार पर करीबी नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि फरवरी के महीने में चीन में कारोबार पर और असर देखने को मिल सकता है। इससे साफ है कि अभी पड़ोसी देश के चलते तेल की कीमतें भी गिरेंगी।
आगे भी भारत को मिल सकती है राहत: ऐसी स्थिति में तेल के दूसरे सबसे बड़े आयातक देश भारत को कुछ लाभ हो सकता है। महंगाई का दबाव झेल रहे भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में राहत मिलेगी। इसके असर के तौर पर उपभोक्ताओं को भी तेल की कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है।
लगातार 5वें दिन फिर सस्ते हुए पेट्रोल और डीजल: भारत में सोमवार को लगातार 5वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। पेट्रोल सोमवार को सुबह 6 पैसे, जबकि डीजल 5 पैसे सस्ता हो गया। 12 जनवरी के बाद से ही लगातार कम हो रहे तेल के दामों के चलते सोमवार को साल में सस्ता पेट्रोल और डीजल रहा। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.04 रुपये और डीजल के दाम 66.09 रुपये हैं।