भारतीय एयरलाइनों को जल्दी ही विदेशों में पंजीकृत विमानों के परिचालन का मौका मिल सकता है। सरकार एयरलाइन कारोबार की आसानी के लिए दशकों पुराने कुछ नियमों को समाप्त करने की योजना बना रही है जिसमें इस तरह की सुगमता भी शामिल की जा सकती है। यह प्रस्ताव लागू होने से विमान पट्टे पर देने का कारोबार करने वाली इकाइयों के लिए काम आसान होगा क्यों कि उन्हें विमान को स्थानीय स्तर पर पंजीकृत कर उस पर निशान आदि लगाने की जरूरत खत्म हो जाएगी। साथ ही अगर वे पट्टे पर दिए गए विमान को वापस लेते हैं तो उसमें भी आसानी होगी।
सूत्रों ने कहा कि विदेश से पट्टे पर आए विमान को स्थानीय पंजीकरण कराने की अनिवार्यता समाप्त करने से स्थानीय परिचालकों के लिये अपने बेड़े के विस्तार में आसानी होगी। नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने परिचर्चा शुरू की है और भारत में पंजीकरण के बिना विदेशी विमान को देश में परिचालन की अनुमति देने की संभावना तलाश रहे हैं।’ सूत्रों के अनुसार इस प्रकार के कदम से परिचाकलों तथा पट्टादाताओं समेत अन्य के लिये कारोबार सुगमता बढ़ेगी।
मौजूदा व्यवस्था के तहत फिलहाल जो भारतीय कंपनियां देश में विदेशी विमान के परिचालन की योजना बना रही हैं, उन्हें पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के पास पंजीकरण कराना होगा और विमान में राष्ट्रीय चिन्ह ‘वीटी’ या ‘वायसराय टेरीटरी’ लगाना होता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत डीजीसीए देश में सभी नागर विमानन के पंजीकरण के लिये जवाबदेह है। विमान को अपनी राष्ट्रीयता और पंजीकरण चिन्ह समेत अन्य का उपयोग करना होता है।