इस साल जब आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे तो आपको कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। यदि आपने अपने चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए हैं, अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है या फिर 1 लाख रुपये से ज्यादा की बिजली खर्च की है तो फिर आपको उसकी जानकारी देनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पिछले वित्त वर्ष (एक अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2020 तक की आय) की रिटर्न दाखिल करने के लिए निर्धारण वर्ष 2020-21 में भरे जाने वाले सहज (आईटीआर-1) फॉर्म, आईटीआर-2, आईटीआर-3, सुगम (आईटीआर-4), आईटीआर-5, आईटीआर-6, आईटीआर-7 फॉर्म और आईटीआर-वी फॉर्म जारी किए हैं। आइए जानते हैं, आईटीआर फाइलिंग में हुए हैं क्या बदलाव…
2021 की पहली तिमाही का इन्वेस्टमेंट: यदि आपने 1 अप्रैल से 30 जून, 2020 तक आयकर की धारा 80C, 80D, 80E और अन्य सेक्शंस के तहत निवेश किया है तो आपको यह जानकारी देनी होगी। बता दें कि मोदी सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बड़ी राहत देते हुए 30 जून तक के निवेश को 31 मार्च, 2020 तक की रिटर्न में शामिल करने का फैसला लिया है।
महंगी विदेश यात्रा की देनी होगी जानकारी: अब आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय कुछ जानकारियां भी देनी होंगी। यदि आपने विदेश यात्रा में 2 लाख रुपये से अधिक खर्च किया है या फिर 1 लाख रुपये से अधिक की बिजली खपत की है तो फिर आपको आईटीआर भरते समय उसकी पूरी जानकारी देनी होगी।
होम लोन पर भी बदल गया नियम: यदि आप संयुक्त रूप से आवासीय परिसर में रहते हैं तो फिर आप सबसे सरल आईटीआर सहज फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आपको इसके लिए आईटीआर-2 का इस्तेमाल करना होगा। अब यह आम हो गया है कि दंपती संयुक्त रूप से घर खरीदते हैं ताकि होम लोन पर फायदा ले सकें। ऐसे लोन के मूलधन की अदायगी पर सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिलती है। आईटीआर में इस पर 1.5 लाख रुपये की छूट ले सकते हैं। इसके अलावा ब्याज पर 2 लाख रुयये तक की राहत मिल सकती है।
रिफंड के लिए दे सकते हैं एक से ज्यादा अकाउंट: यही नहीं अब आप इनकम टैक्स रिफंड हासिल करने के लिए एक से ज्यादा बैंक अकाउंट भी दर्ज करा सकते हैं। आयकर विभाग अपने मुताबिक किसी भी खाते में रकम ट्रांसफर कर देगा। हालांकि आप अच्छे ढंग से मॉनिटरिंग के लिए किसी एक अकाउंट को ही दे सकते हैं। इससे आपको यह जानने में आसानी होगी कि इनकम टैक्स रिटर्न क्रेडिट हुआ या फिर नहीं।