Income Tax Return Filing and Deadline: आयकर रिटर्न भरने के लिए करदाताओं के पास 31 मार्च, 2019 तक की मोहलत है। 2017-18 के वित्त वर्ष या 2018-19 के आकलन वर्ष का रिटर्न इस तारीख तक न भरने पर किसी भी करदाता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आयकर विभाग इसके लिए केस (बैलेंस रकम तीन हजार से ऊपर होने पर) भी कर सकता है और शख्स को जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है।
आयकर विभाग के मुताबिक, रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 अगस्त, 2018 थी, पर पेनाल्टी के साथ रिटर्न 31 मार्च, 2019 तक भरा जा सकता है। ऐसे में अगर आपने यह काम अभी तक नहीं किया है, तब आपको विभाग ई-मेल या फिर एसएमएस के जरिए इस संबंध में चेता सकता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि अगर कोई रिटर्न भरने में देरी करता है, तब वह व्यक्ति कई प्रकार के फायदों से वंचित रह जाता है। आईटीआर रिटर्न में देरी से फायनैंशियल रिकॉर्ड खराब होता है। साथ ही कई किस्म की जांच की आशंका भी रहती है। जांच की प्रक्रिया के तहत विभाग नोटिस जारी करेगा, जिसके बाद स्थितिनुसार अधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे।
इतना ही नहीं, विभाग न्यूनतम तीन हजार रुपए तक का आर्थिक दंड भी लगा सकता है। यह रकम ढाई लाख रुपए तक जा सकती है। हालांकि, यह चीज पूर्व के रिटर्न में नजरअंदाज की गई रकम पर निर्भर करेगी कि वह कितनी अधिक है।
मौजूदा समय में आईटीआर भरना अनिवार्य है। 31 अगस्त से और 31 दिसंबर के पहले तक आईटीआर भरने पर पांच हजार रुपए पेनाल्टी चुकानी पड़ती है, जबकि इसके बाद यह रकम बढ़कर 10 हजार हो जाती है। अगर करदाता की आय पांच लाख से कम है, तब पेनाल्टी एक हजार हो जाएगी।
अन्य अपराधों के अलावा अगर किसी के रिटर्न की रकम तीन हजार से ऊपर हुई, तब उस व्यक्ति पर आय छिपाने का आरोप लग सकता है। ऐसी स्थिति में पेनाल्टी आधी रकम चुकानी होगी, जबकि 10 हजार रुपए की पेनाल्टी की स्थिति में शख्स को कानूनी प्रावधानों के तहत तीन महीने से लेकर एक साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है। अगर पेमेंट की रकम 25 लाख से अधिक है, तब यह सजा छह महीने से सात साल तक की भी हो सकती है।

