वित्त वर्ष 202-2025 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की लास्ट डेट 15 सितंबर है यानी आपने पास आईटीआर फाइल करने के लिए 7 दिन से भी कम समय है। लेकिन कई लोगों ने काफी समय पहले ही रिटर्न फाइल कर दिया है और रिफंड का इंतजार कर है। समय पर रिफंड नहीं मिलने से लोग परेशान हो रहे हैं। कई बार कुछ सामान्य कारणों की वजह से समय पर रिफंड नहीं आ पाता है, आइए जानते हैं…
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वेरीफिकेशन और प्रोसेसिंग
वेरीफिकेशन, समय पर रिफंड न आने का सबसे बड़े कारणों में से एक कारण है। आपके लिए रिटर्न भर देना बस काफी नहीं होता है। आपको इसे 30 दिनों के भीतर वेरीफाई कराना काफी जरूरी होता है। वेरीफिकेशन आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग के जरिए किया जा सकता है। अगर आपकी यह स्टेप छूट जाती है, तो रिटर्न को अमान्य माना जाता है और रिफंड आगे नहीं बढ़ता है।
कुछ मामलों में रिटर्न वेरीफाई तो हो जाते हैं लेकिन अभी तक प्रोसिड नहीं होते हैं। प्रोसेसिंग पूरा होने के बाद ही रिफंड जारी किए जाते हैं। ऐसी स्थितियों में टैक्सपेयर्स केवल प्रतीक्षा कर सकते हैं, हालांकि यदि देरी लंबी चलती है, तो वे पोर्टल में लॉग इन कर सकते हैं और “CPC-ITR” अनुभाग के अंतर्गत शिकायत दर्ज कर सकते हैं और तेज प्रोसेसिंग का अनुरोध कर सकते हैं।
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बैंक एरर और पेंडिंग डिमांड
अगर आप बैंक खाते की गलत जानकारी दर्ज कर देते हैं तो यह भी आपके रिफंड न आने के आम कारणों में से एक है। इसके लिए आयकर विभाग आम तौर पर एक ईमेल अलर्ट भेजता है और टैक्सपेयर्स को “MY Bank Details” के अंतर्गत बैंक विवरण अपडेट करना होता है और फिर “रिफंड पुनः जारी” रिक्वेस्ट करना होता है।
टीडीएस बेमेल समस्या
अगर आईटीआर में भरा गया टीडीएस का डिटेल फॉर्म 26AS या AIS से मैच नहीं करता, तो रिफंड आने में देर हो सकती है। ऐसे मामले में टैक्सपेयर्स को विसंगति (Discrepancy) दूर करने के लिए CPC में शिकायत करनी पड़ती है।