आयकर विभाग कमिश्नर, मुंबई ने टाटा ग्रुप की 6 ट्रस्ट का आयकर रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। आयकर रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का आदेश 31 अक्टूबर, 2019 से लागू होगा, जबकि टाटा ग्रुप की ट्रस्ट द्वारा साल 2015 में ही इसे कैंसिल करने का प्रस्ताव दिया था। बता दें कि जिन ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया गया है, उनके पास टाटा संस के बड़े शेयरहोल्डर हैं। बता दें कि जिन ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन आयकर विभाग ने कैंसिल किया है, उनमें जमशेदजी टाटा ट्रस्ट, आरडी टाटा ट्रस्ट, टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, सार्वजनिक सेवा ट्रस्ट और नवाजबाई रतन टाटा ट्रस्ट का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि टाटा ट्रस्ट ने साल 2015 में ही इन ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन को आयकर एक्ट के प्रावधानों के तहत सरेंडर कर दिया था। इस पर आयकर विभाग ने बीते दिनों इन ट्रस्ट के फिर से मूल्यांकन का फैसला किया था। अब मूल्यांकन के बाद आयकर विभाग ने 31 अक्टूबर, 2019 से इन ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल करने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि टाटा ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर मांग की है कि “कानून के मुताबिक इन ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन साल 2015 से ही कैंसिल माना जाना चाहिए, जब ट्रस्ट्स ने अपना रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया था। टाटा ने कहा है कि ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन को सरेंडर करने का फैसला ट्रस्ट के रिसोर्स को बढ़ाने और ट्रस्ट की बेहतरी के लिए किया गया था, ताकि ट्रस्ट अपने चैरिटेबल कार्यों को जारी रख सकें।”
फिलहाल टाटा ट्रस्ट आयकर विभाग के ताजा फैसले को देखते हुए अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हैं। ट्रस्ट ने ये भी कहा है कि “वह यह साफ कर देना चाहते हैं कि उन्हें आयकर विभाग की तरफ से ट्रस्ट को कैंसिल करने संबंधी कोई नोटिस नहीं मिला है, जैसा कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है। यह काफी चौंकाने वाला है कि ट्रस्ट की संपत्ति को सीज करने का मामला आज उठाया जा रहा है!”