भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए रेपो दरों में 40 आधार अंकों (bps) की बढ़ोतरी कर दी। आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि 4 मई से इस बढ़ोतरी के बाद RBI नीति रेपो दर 4.4% हो गया है। वहीं केंद्रीय बैंक की घोषणा के तुरंत बाद, निजी क्षेत्र के कर्जदाता आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की है।

आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर को 40 बीपीएस से बढ़ाकर 8.10% कर दिया है यानी कि अब I-EBLR 8.10% प्रति वर्ष होगा, यह बढ़ोतरी 4 मई 2022 से प्रभावी होगा। यानी इसका असर आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों पर सीधे तौर पर पड़ेगा।

क्‍या है बेंचमार्क लेंडिंग रेट?
बाहरी बेंचमार्क उधार दरें (ईबीएलआर) रेपो दर जैसे ही बाहरी बेंचमार्क के आधार पर बैंकों द्वारा निर्धारित किया गया लेडिंग रेट है। यह वह मिनिमम ब्‍याज दर होती है, जिस पर कॉमर्शियल बैंक उधार देते हैं और इसी आधार पर उधार देयता की मासिक ईएमआई तय की जाती है या सीधे तौर पर कहें तो लोन इसी ब्‍याज दर पर दिया जाता है।

आरबीआई ने जारी किया था लेंडिंग रेट
RBI ने 2010 में बेस लेंडिंग रेट (BLR) सिस्टम पेश किया। इसके बाद 2016 में मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) सिस्टम के अंतर्गत इसे लाया गया और अक्टूबर 2019 में इसने एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड लेंडिंग रेट (EBLR) को पेश किया। कोई भी बैंक होम और ऑटो लोन समेत किसी भी तरह के लोन देते समय EBLR और RLLR पर क्रेडिट जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) जोड़ते हैं। एसबीआई की बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) दर 6.65% है, जबकि रेपो-लिंक्ड उधार दर (RLLR) 1 अप्रैल से प्रभावी 6.25 है।

क्‍या होगा असर
आरबीआई के फैसले के बाद होम, ऑटो और अन्य लोन की ईएमआई में वृद्धि की संभावना है। वहीं अब आईसीआईसीआई बैंक द्वारा लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी से लोन के ब्‍याज में इजाफा होगा। बता दें कि आरबीआई की 4 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर से 4.40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी अगस्त 2018 के बाद पहली बार है।