प्रतिष्ठित कैफे कॉफी डे जिसे सीसीडी भी कहा जाता है, उसके मालिक वीजी सिद्धार्थ भारी कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली थी। कंपनी काफी मुश्किल दौर से गुजर रही थी। सिद्धार्थ की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी मालविका हेगड़े ने कंपनी की कमान संभाली। इसके बाद उन्होंने एक खत्म सी कंपनी को नया जीवनदान दिया और अब इसे प्रॉफिटेबल कंपनी बना दिया।

मालविका हेगड़े ने 2020 में संभाली थी सीसीडी की कमान

दिसंबर 2020 में मालविका हेगड़े ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) के सीईओ का पद संभाला। उनकी कड़ी मेहनत ने कंपनी को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद की। मालविका ने कंपनी की कमान संभालने के बाद अपने कर्मचारियों को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया कि 2019 में सीसीडी पर 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था, जिसे उतारना है। सिद्धार्थ के एक नोट के अनुसार कंपनी को निजी इक्विटी भागीदारों और अन्य ऋणदाताओं के दबाव और आयकर विभाग के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था, जिससे काफी तनाव पैदा हो गया था।

सीसीडी की शुरुआत 1992 में हुई थी। उस दौरान सिद्धार्थ ने करीब 7000 एकड़ में फैले कॉफी के बागान खरीद लिए थे। 11 जुलाई 1996 को बेंगलुरु में सीसीडी का पहला आउटलेट खोला गया था। इसके बाद यह कंपनी लोकप्रिय होती चली गई और वर्ष 2000 तक कंपनी मुनाफे में थी। लेकिन साल 2015 से कंपनी के बुरे दिन की शुरुआत हुई।

दरअसल सिद्धार्थ ने दूसरे कारोबार में भी किस्मत आजमाना शुरू किया और रियल एस्टेट और लॉजिस्टिक सेक्टर में पैसा लगाना शुरू कर दिया, इससे उनका बिजनेस घाटे में जाने लगा। साल 2019 में सीसीडी पर 6547 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया। कर्ज और इनकम टैक्स की कार्रवाई से परेशान होकर सिद्धार्थ ने साल 2019 में नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

जब सिद्धार्थ की मृत्यु हुई, उस दौरान कंपनी पर करीब 7000 करोड़ का कर्ज था और 25,000 कर्मचारियों की जिम्मेदारी थी। लेकिन उनके पत्नी ने हालात से लड़ने का फैसला किया। साल 2021 में उन्होंने कंपनी को मुनाफे में लाकर 1644 करोड़ रुपए का कर्जा चुका दिया।

अब सीसीडी पर करीब 475 करोड़ का कर्ज

मालविका हेगड़े ने अमेरिकी कंपनी ब्लैकस्टोन और श्रीराम क्रेडिट कंपनी के साथ बिज़नेस एग्रीमेंट किया। इसके बाद उन्होंने कॉस्ट कटिंग की और कंपनी का कर्ज कम कर 1731 करोड़ पर पहुंच दिया। आज देश के 165 शहरों में CCD के क़रीब 572 आउटलेट्स संचालित हो रहे है। अब सीसीडी पर करीब 465 करोड़ रुपये कर्ज है। अब सीसीडी मुनाफे में भी चल रही है।