हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म लाइफ इंश्योरेंस, बाइक और कार खरीदने जैसे कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों यानी शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल (short-term financial targets) को पूरा करने के लिए आमतौर लोग सेविंग और क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, दोनों मौजूद विकल्पों में से किसी एक का इस्तेमाल करते हैं। दूसरे विकल्प यानी क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के जरिए तुरंत फंड का इंतजाम जल्दी से हो जाता है जबकि पहले विकल्प से कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पहले से प्लानिंग करने की जरूरत पड़ती है. पहले विकल्प के जरिए लक्ष्य हासिल करने में थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। आज हम समझेंगे कि कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किस विकल्प का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होगा। शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल क्या होते हैं? पहले उसके बारे में आइए जानते हैं।
क्या है शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल?
वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर लेने की समय-सीमा के आधार पर आमतौर पर इन्हें तीन कैटेगरी- शॉर्ट टर्म, मिडियम और लॉन्ग-टर्म में बाटा जा सकता है। शॉर्ट टर्म वाले वित्तीय लक्ष्य वे होते हैं जिन्हें पूरा करने में कम समय की जरूरत पड़ती है। शॉर्ट टर्म गोल पूरा करने की समय-सीमा आमतौर पर 3 महीने से 3 साल के बीच होती है. दूसरे शब्दों में कहें तो इन वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मिडियम और लॉन्ग-टर्म वाले गोल से कम समय लगते हैं, ऐसे में शॉर्ट टर्म वाले वित्तीय लक्ष्यों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा करने की जरूरत है। शॉर्ट टर्म वाले वित्तीय लक्ष्यों के यहां कुछ उदाहरण देख सकते हैं।
इमरजेंसी फंड बनाना
खुद और परिवार के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेसं खरीदना
खुद और परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेसं खरीदना
मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट जैसे जरूरी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लेना
घर की मरम्मत कराना
बाइक, स्कूटर या कार खरीदना
फैमिली के साथ घर से दूर टूर पर जाना
घर या कार खरीदने के लिए डाउन पेमेंट जुटाना
इस लिस्ट में शामिल पहले 3 शार्ट टर्म गोल को प्राथमिकता देना जरूरी है। लोगों को चाहिए कि वे सबसे पहले इन वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर लें। जरूरी वित्तीय लक्ष्यों को खुद के पैसे से पूरा करने की लोगों की हिदायत दी जाती है। एक बार जब ये लक्ष्य पूरा हो जाएं, तो बाकी कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को अपनी वित्तीय क्षमता के हिसाब से एक-एक पूरा करने पर विचार कर सकते हैं।
शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल पूरा करने के लिए करें प्लान
लोगों को अपने मिडियम और लॉन्ग टर्न वाले जरूरी वित्तीय लक्ष्यों के साथ कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों के लिए भी योजना बनानी चाहिए. सभी जरूरी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वित्तीय सलाहकार या इससे जुड़े एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। ऐसा करने से प्लानिंग करने में मदद मिल सकती है। तमाम वित्तीय लक्ष्यों में से कुछ के लिए वेट करना संभव हो, तो ऐसे गोल के लिए फंड जुटाने का प्लान करने पर विचार करनी चाहिए. लोगों को हमेशा अपने कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को खुद के पैसे से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
ये देख लें कम अवधि वाले कई वित्तीय लक्ष्यों में आपके लिए सबसे पहले किसे हासिल करना बेहद जरूरी है। इसकी पहचान हो जाने के बाद, उसके लिए प्लान करने कि दिशा में काम करें और फंड जुटाने पर विचार करें, लक्ष्य कितने समय में हासिल कर लेना जरूरी है इसकी भी समीक्षा कर लें। समय सीमा को देखते हुए नियमित रूप से पैसे बचाएं, वित्तीय सलाहकार की मदद से सेविंग को उन स्कीम में लगाएं जहां अधिक रिटर्न मिलने की संभावना हो। कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए जैसे ही आप किसी स्कीम में पैसे लगाते हैं, उस पर नजर बनाए रखें। अपनी सेविंग के ग्रोथ की नियमित समीक्षा करके आप ये तय कर सकते हैं कि वित्तीय लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर हैं या नहीं।
हम जानते है कि कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्य आमतौर पर 3 महीने से लेकर 3 साल से कम के होते हैं यानी इन्हें पूरा करने की समय सीमा कम है। ऐसे में वित्तीय सलाहकार की सलाह लेकर कम जोखिम वाले निवेश विकल्प में पैसे लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप थोड़ा-थोड़ा करके रिकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी में पैसे लगाते हैं, तो ऐसा करके अपनी सेविंग पर तय ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न भी हासिल कर सकते है। वहीं अगर आप अन्य जैसे लिक्विड फंड या मनी मार्केट फंड में निवेश करते हैं, तो रिटर्न दर बाजार की स्थितियों के आधार पर कुछ हद तक अधिक भी मिल सकती है। अगर आपने रिकरिंग डिपॉजिट में अपनी सेविंग लगाई है तो मैच्योरिटी रकम से कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं।
कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए फंड जुटाने में कुछ समय लग जाते हैं। ऐसे में लक्ष्य हासिल करने की खुशी पाने के लिए थोड़ा वेट करना पड़ सकता है। हालांकि, ऐसा करने का एक फायदा ये होगा कि खुद के पैसे से वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने की खुशी जरूर मिल सकेगी। जो स्थायी होगी। इस तरह से अपने कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने पर कोई कर्ज, क्रेडिट कार्ड बिल या लोन की ईएमआई भरने जैसी चिंता नहीं होगी।
लक्ष्य के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो क्या फायदा होगा?
सेविंग के जरिए शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल को पूरा किए जा सकते हैं। हालांकि फंड जुटा लेने के बाद अपने वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के दौरान अगर आप अपनी सेविंग का इस्तेमाल करने की बजाय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो अतिरिक्त बेनिफिट मिल सकते हैं। समझिए कैसे? शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल पूरा करने के दौरान आप सभी तरह खर्चों के पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप फैमिली के साथ कहीं छुट्टियां बिताने गए हैं। और टिकट बुकिंग, होटल से लेकर खाने-पीने की चीजों और अन्य खर्चों को क्रेडिट कार्ड के जरिए बड़े आसानी से मैनेज कर सकते हैं। कुछ समय बाद जब क्रेडिट कार्ड बिल जनरेट होगा, तो आप बिल भरने के लिए शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल के लिए जुटाई गई सेविंग को यूज कर सकते हैं। इस तरह से फैमिली टूर के सभी खर्चों का भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आपको कुछ अतिरिक्त बेनिफिट पाने में मदद मिल सकती है जो इस प्रकार है।
करीब 50 दिनों तक फ्री क्रेडिट पीरियड
उस समय चल रहे क्रेडिट कार्ड ऑफर से तत्काल छूट
क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड प्वॉइंट
क्रेडिट कार्ड खर्च से जुड़ तमाम बेनिफिट
क्रेडिट कार्ड रिनुअल चार्ज की छूट के लिए एन्युअल खर्च लिमिट तक पहुंचना
एयरपोर्ट के लाउंज तक फ्री में एक्सेस
इस तरह से क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल और जुटाए गए फंड की आपस में तुलना करके तय सकते हैं कि किस विकल्प को अपनाने से अधिक से अधिक लाभ मिल सकता है।
सोचकर देखिए अगर आपने फैमिली टूर के लिए पहले से कोई फंड नहीं जुटाया है और ऐसे सभी खर्चों को सीधे क्रेडिट कार्ड से मैनेज करते हैं तो क्या होगा? ऐसे में, आपको अपने पास पड़ी कैश रकम और सेविंग से पूरे क्रेडिट कार्ड बिल का भरना होगा। इस स्थिति में अगर किसी तरह का बकाया रह जाता है तो अगले महीने वाली बिलिंग साइकिल में भारी नुकसान उठाना पड़ जाएगा यानी अब क्रेडिट कार्ड की भारी ब्याज दर भी चुकानी होगी।
हालांकि एक विकल्प है. अगर आपके पास बकाया क्रेडिट कार्ड बैलेंस भरने के लिए पर्याप्त कैश न होने की स्थिति में बकाया को ईएमआई में बदल सकते हैं। ज्यादातर बैंक आपको शर्तों के साथ खर्चों या संपूर्ण बकाया को विभिन्न ईएमआई प्लान में बदलने की अनुमति देते हैं। अगर आप ईएमआई प्लान हासिल करने में असमर्थ हैं, तो आप पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकते हैं। क्रेडिट कार्ड का बकाया बिल चुकाने के लिए पर्सनल लोन का इस्तेमाल करने पर बनने वाली ईएमआई समय पर चुकानी होगी और पूरे भुगतान के बाद नो-ड्यूज सर्टिफिकेट हासिल करना बेहद जरूरी होगा।
लक्ष्य पूरा करने के लिए पर्सनल लोन भी ले सकते हैं
बहुत से लोगों के पास आज भी क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा नहीं हैं। ऐसे में अगर वे फैमिली टूर जैसे कम अवधि वाले वित्तीय लक्ष्यों के लिए पहले से फंड का इंतजाम नहीं किया है, तो उन्हें इसे पूरा करने के लिए पर्सनल लोन का सहारा लेना पड़ सकता है। पैसे उधार लेने से पहले विभिन्न बैंकों के लोन स्कीम की समीक्षा करना जरूरी है। ब्याज दर, लोन टेन्योर, लोन अमाउंट, प्रासेसिंग फीस और अन्य शुल्क जैसे तमाम पहलुओं पर विभिन्न बैंक के पर्सनल लोन को परखने और उनके शर्तों को समझने के बाद फैसला करना चाहिए। ऐसे में सलाह दी जाती है कि उस बैंक या वित्तीय संस्थान के पर्सनल लोन को चुनें जो आपकी जरूरतों के अनुरूप हो।
पर्सनल लोन पर ब्याज दर आमतौर पर 10 से 15% सालाना होती है। ध्यान रहे कि आपको छुट्टियां खत्म होने के बाद भी, आपके चुने हुए टेन्योर के आधार पर, अगले 6 से 36 महीनों तक पर्सनल लोन की ईएमआई चुकानी होगी।
कैसे बनेगी बात?
शार्ट टर्म फाइनेंशियल गोल पूरा करने के लिए यहां तीन तरीकों पर चर्चा की गई। वित्तीय लक्ष्य के लिए पहले से तैयारी करना और उसके लिए फंड का इंतजाम पहले से करके चलना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, अगर यह संभव नहीं है, तो आप अपने वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का सहारा ले सकते हैं। ऐसा करके क्रेडिट कार्ड बेनिफिट भी हासिल कर सकते हैं। यहां ये बात जरूर याद रखना चाहिए कि लक्ष्य पूरा हो के बाद आपको क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान अपने पास पड़ी कैश और अन्य कीमती चीजों से करना होगा। अगर ये संभव नहीं है, तो बकाया क्रेडिट कार्ड बिल को ईएमआई में बदलें या बकाया चुकाने के लिए पर्सनल लोन लें। वहीं अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है, तो आप पर्सनल लोन लेकर अपना वित्तीय लक्ष्य पूरा कर सकते हैं। सही प्लानिंग के साथ आगे बढ़ने पर आपको अपने वित्तीय हालत को मैनेज करने और सभी शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में मदद मिल सकती है।